कांग्रेस में सियासी संतुलन बनाने की जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया को
भोपाल
मध्यप्रदेश में जारी अटकलों के दौर के बीच कांग्रेस के सीनियर लीडर और पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की वापसी हुई है।ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश सरकार और संगठन के बीच तालमेल बैठाने वाली समन्वय समिति में जगह दी गई है। सिंधिया के साथ इस कमेटी में सीएम कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं।
2018 के बाद मिली जिम्मेदारी
विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश में सक्रिय थे। लेकिन सिंधिया को प्रदेश में 1 साल 10 महीने बाद आधिकारिक तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को 26 अप्रैल 2018 को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया स्टार कैंपनर भी थे। 16 दिसंबर, 2018 को मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी। उसके बाद से ही ज्योतिरादित्य की जिम्मेदारी को लेकर मांग उठ रही थी।
कांग्रेस में 5 महीने बाद जिम्मेदारी
ज्योतिरादित्य सिंधिया को पांच महीने बाद कोई बड़ी जिम्मेदारी मिली है। 22 अगस्त, 2019 को कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिम्मेदारी दी थी। उन्हें स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को 23 जनवरी, 2019 को कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था। लोकसभा चुनाव में उनके पास पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार था। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस महासचिव पद से इस्तीफा दिया था। लेकिन उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया था वो अभी भी पार्टी के महासचिव हैं।
किन कारणों से मिली जिम्मेदारी
जानकारों का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को समन्वय समिति में शामिल करनी की सबसे बड़ी वजह है उनकी नाराजगी को लेकर आ रही खबरें। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाराजगी की खबरें आ रही थीं और उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की भी मांग की जी रही थी। लेकिन अह समन्वय समिति में शामिल होने के बाद सिंधिया सत्ता और संगठन दोनों के बीच समन्वय बनाएंगे।
समिति में कौन-कौन
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित इस समिति में सात लोगों को जगह मिली है। दीपक बाबरिया इसके अध्यक्ष हैं। इनके अलावा सीएम कमलनाथ, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरुण यादव, मंत्री जीतू पटवारी और मीनाक्षी नटराजन। ये सभी लोग सरकार और संगठन में कोऑर्डिनेशन का काम देखेंगे।