November 23, 2024

पवन वर्मा ने लंबा पत्र लिखकर नीतीश कुमार के बीजेपी से गठबंधन पर उठाए सवाल

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नई दिल्ली
दिल्ली चुनाव में बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन पर अब नीतीश कुमार की अपनी ही पार्टी में दरार नजर आने लगी है। पार्टी प्रवक्ता और पूर्व नौकरशाह पवन कुमार वर्मा ने आज इसके खिलाफ ट्विटर पर मोर्चा खोल दिया। नीतीश कुमार के इस फैसले की मुख़ालफत करते हुए उन्होंने एक लंबा पत्र लिखा है और उसे सोशल मीडिया पर शेयर भी किया। जेडीयू नेता ने बिहार के सीएम को निजी बातचीत में बीजेपी की विभाजनकारी नीतियों पर टिप्पणी के हवाले से अपनी विचारधार स्पष्ट करने का संदेश दिया।

अंग्रेजी में लिखे दो पन्ने के पत्र में पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को 2012 में हुई मुलाकात की याद दिलाई। पत्र में उन्होंने लिखा, '2012 में जब पटना में मेरी आपसे भेंट हुई थी, उस वक्त औपचारिक तौर पर मैं पार्टी में शामिल भी नहीं हुआ था। आपने मुझसे बीजेपी और आरएसएस की विभाजनकारी नीतियों और कैसे नरेंद्र मोदी देश के भविष्य के लिए उपयुक्त नहीं हैं, इस पर लंबी चर्चा की थी।' इसके साथ ही दिल्ली में बीजेपी के साथ गठबंधन पर वर्मा ने नीतीश कुमार से कहा है कि वह गठबंधन को लेकर अपनी विचारधारा पूरी तरह से स्पष्ट करें।

नीतीश को दिलाई RSS मुक्त भारत के नारे की याद
पवन वर्मा ने शालीन भाषा में बेहद तल्ख अंदाज में पत्र लिखा है। उन्होंने नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए लिखा, 'महागठबंधन का नेतृत्व करते हुए आपने आरएसएस मुक्त भारत का नारा दिया था। 2017 में फिर से बीजेपी के साथ जाने के बावजूद भी आप व्यक्तिगत स्तर पर मानते रहे थे कि बीजेपी के विचारों में कोई परिवर्तन नहीं आया है। आपके निजी विचार जो मुझ तक पहुंचे उसमें यही संदेश था कि बीजेपी ने संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने का काम किया है।'

पवन और प्रशांत किशोर दोनों इस वक्त हाशिये पर
बता दें कि जेडीयू में प्रशांत किशोर को शामिल करने और उनकी ताकत बढ़ाने के पीछे पवन वर्मा को ही माना जाता है। राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा आम है कि जेडीयू के कई नेता प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने पर सहमत नहीं थे, लेकिन वर्मा ने उस वक्त उनका साथ दिया। हालांकि, इस वक्त खुद वर्मा और प्रशांत किशोर दोनों ही पार्टी में हाशिये पर चल रहे हैं। प्रशांत किशोर की कंपनी ने तो अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के चुनाव प्रचार का जिम्मा भी संभाल रखा है।

नीतीश से किया विचारधारा स्पष्ट करने का आग्रह
पत्र के आखिरी में वर्मा ने नीतीश कुमार से अपनी विचारधारा स्पष्ट करने की अपील की। उन्होंने लिखा कि उम्मीद करता हूं कि आप अपनी विचारधारा या तो जेडीयू मीटिंग में स्पष्ट करेंगे या फिर किसी और माध्यम से जो भी आपको उचित लगता हो।

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