मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि हुई डेढ़ सौ करोड़ रुपए, भोपाल में खुलेगा अर्बन डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट
भोपाल
एक माह पहले मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि बढ़ाकर में की गई चालीस करोड़ की वृद्धि को राज्य सरकार ने और बढ़ा दिया है। अब सीएम स्वेच्छानुदान की राशि डेढ़ सौ करोड़ रुपए हो गई है। सरकार ने भोपाल में अर्बन डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट खोलने का फैसला लिया है। इसमें नगरीय निकायों के अफसरों को ट्रेनिंग देने के साथ देश के अन्य राज्यों के निकायों के अच्छे कामों का अध्ययन किया जाएगा। इससे शहरों के सुनियोजित विकास में तेजी आ सकेगी।
कमलनाथ कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री का स्वेच्छानुदान 72 करोड़ रुपए था जिसमें अनुपूरक बजट में चालीस करोड़ की वृद्धि की गई थी। अब इसे और बढ़ाया गया है। कैबिनेट की बैठक में ऐसी सड़कें जिन पर वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही अधिक है उन्हें ओएमटी (आॅपरेट, मेंटेन एंड ट्रांसफर) मॉडल पर संचालित करने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। इसमें सड़क विकास निगम और लोक निर्माण विभाग की पंद्रह सड़कें शामिल हैं। कैबिनेट ने गौण खनिज की रायल्टी बढ़ाने पर भी विचार कर टीपी शुल्क सात और चार रुपए प्रति टन बढ़ाकर सौ और साठ रुपए करने पर विचार किया गया। साथ ही चौदह खनिजों का परिवहन अनुज्ञा शुल्क बढ़ाने पर भी चर्चा की गई। पान किसानों को 25 से 33 फीसदी फसल नुकसान पर 30 हजार रुपए और 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान पर 40 हजार रुपए हेक्टेयर के मान से मुआवजा देने पर फैसला लिया गया है।
कैबिनेट में नई उद्यानिकी नीति पर भी चर्चा की गई लेकिन इस पर फैसला नहीं हुआ और प्रस्ताव डेफर हो गया। इस नीति में सरकारी जमीन मुख्यमंत्री बागवानी योजना के लिए युवाओं को देकर फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर सुविधाएं देने के प्रावधान तय किए जाने हैं।
कैबिनेट ने तय किया है कि प्रदेश में राज्य व जिला स्तर पर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले संबंधी प्रस्ताव अब मुख्यमंत्री समन्वय में नहीं जाएंगे। ये तबादले सीधे हो सकेंगे और जरूरत होने पर प्रभारी मंत्री फैसला कर सकेंगे। कमलनाथ सरकार ने भिंड गोली चालन जांच आयोग के प्रतिवेदन पर कार्रवाई के लिए मंत्री स्तर की समिति बनाने का निर्णय लिया गया है।