जांच के लिए श्रीनगर पहुंची NIA की टीम, क्या संसद हमले में भी था DSP दविंदर सिंह का हाथ?
नई दिल्ली
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा जम्मू-कश्मीर के पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह की आतंकवादियों के साथ सांठगांठ की जांच के लिए सरकार की मंजूरी मिलने के एक दिन बाद आतंकवाद निरोधक एजेंसी की टीम अपना काम शुरू करने के लिए श्रीनगर पहुंच गई है।
एनआईए के एक सूत्र ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया, 'पांच से छह वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम, जिसमें एक महानिरीक्षक स्तर का अधिकारी शामिल है, श्रीनगर पहुंच गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस उन्हें जांच सौंपेगी।' सूत्र ने बताया है कि टीम पहले मामले के सभी बिंदुओं को समझेगी और फिर सिंह को पूछताछ के लिए नई दिल्ली स्थित एजेंसी के मुख्यालय में लाएगी।
सूत्र ने कहा कि एनआईए यह समझने की कोशिश करेगी कि सिंह कब और कैसे हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी समूह के संपर्क में आया? विशेष जांच दल (SIT) द्वारा की गई जांच और एनआईए द्वारा शुरुआती पूछताछ के आधार पर आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी मामले में अपनी जांच को और व्यापक करेगी।
उन्होंने कहा कि श्रीनगर की एनआईए टीम द्वारा प्रारंभिक पूछताछ के दौरान सिंह ने पिछले चार-पांच दिनों से आतंकवादियों का साथ देने की बात कबूल की है और इसमें कई अन्य पुलिस अधिकारियों की भागीदारी के बारे में भी संकेत दिया है।
सूत्र ने कहा कि एनआईए 2001 के संसद हमले की फाइलों को भी देखेगी, जिनके बारे में माना जाता था कि गाजी बाबा नाम के एक गैर-स्थानीय लश्कर-ए-तैयबा (LIT) के कमांडर द्वारा इसकी योजना बनाई गई थी। देविंदर सिंह 2002 में आतंकवाद रोधी विशेष अभियान समूह (SOG) का हिस्सा था। संसद हमले के दोषी अफजल गुरु द्वारा अपने वकील को लिखे पत्र में यह भी सुझाव दिया था कि एक और संसद हमलावर मोहम्मद को पुलिस अधिकारी के निदेर्श पर दिल्ली ले जाया गया था। सूत्र ने कहा कि एजेंसी डीएसपी की संपत्ति के विवरण पर भी नजर रख रही है और उसके बैंक खातों की जानकारी भी एकत्र करने के लिए तैयार है।
सिंह को 11 जनवरी को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर नवीद बाबू और वकील इरफान के साथ गिरफ्तार किया गया था, जब उनकी कार को पुलिस ने श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर रोक दिया था। जम्मू कश्मीर पुलिस के अनुसार, सिंह बाबू और उसके साथी को जम्मू ले जा रहा था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों के अनुसार, सिंह को हिज्बुल के दो आतंकवादियों को चंडीगढ़ तक लेकर जाने और गणतंत्र दिवस पर या उससे पहले हमले के लिए दिल्ली पहुंचाने के लिए 12 लाख रुपये दिए जाने की संभावना है।