फटकार के बाद चंद्रशेखर को जमानत, कोर्ट ने कहा- करना होगा PM और संस्थाओं का सम्मान
नई दिल्ली
दिल्ली की एक अदालत ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को बुधवार को जमानत दे दी। आजाद पर जामा मस्जिद इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान भीड़ को उकसाने का आरोप है। उनपर यह आरोप भी है कि उन्होंने बिना इजाजत मार्च निकाला।
अडिशनल सेशन जज कामिनी लाउ ने आजाद को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी हैं। कोर्ट ने उन्हें 16 फरवरी तक दिल्ली में किसी तरह का प्रदर्शन न करने के आदेश दिए हैं। दरअसल, गत 20 दिसंबर को भीम आर्मी ने सीएए के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च का आयोजन किया था और पुलिस से इसकी इजाजत नहीं ली थी। इस मामले में अरेस्ट किए गए अन्य 15 लोगों को 9 जनवरी को जमानत मिल गई है।
जब पाक का हुआ जिक्र
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने पुलिस से पूछा था कि किस से कानून में लिखा है कि धार्मिक स्थान के बाहर प्रदर्शन नहीं किया जा सकता? कोर्ट ने कहा, 'लोग शांति से कहीं भी प्रदर्शन कर सकते हैं। जामा मस्जिद पाकिस्तान में नहीं है जो वहां प्रदर्शन नहीं करने दिया जाए। शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन तो पाकिस्तान में भी होने दिया जाता है।'