November 23, 2024

गृहमंत्री अमित शाह के फर्ज़ी PA ने किए कई ख़ुलासे, पत्‍नी को दिलवाया था टेंडर

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भोपाल
खुद को देश के गृहमंत्री अमित शाह (Amit shah) का पीए बताकर राज्यपाल लालजी टंडन (Lalji Tandon) को फोन करने वाला डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला के एक और फर्ज़ीवाड़े का खुलासा हुआ है. आरोप है कि उसने राजभवन में पदस्थ एक IAS अफसर की मिलीभगत से अपनी पत्नी को रेडक्रॉस हॉस्पिटल का टेंडर दिलवाया था. चंद्रेश के और भी कई दूसरे फर्जीवाड़े के खुलासे हुए हैं.

डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला पेशे से सर्जन है. उसने मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (जबलपुर) में कुलपति बनने के लिए खुद को अमित शाह का पीए बताकर राजभवन फोन लगाया था. उसके साथी विंग कमांडर कुलदीप वाघेला ने खुद को अमित शाह बताकर राज्यपाल लालजी टंडन से बात कर चंद्रेश शुक्ला की सिफारिश की थी. मध्य प्रदेश STF ने दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर लगातार पूछताछ कर रही है. इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं.

आरोपी चंद्रेश शुक्ला ने पूछताछ में STF को बताया कि रेडक्रॉस हॉस्पिटल में उसने नवंबर 2017 में अपनी पत्नी को डिजिटल एक्स-रे सेंटर का टेंडर दिलाया था. उसकी पत्‍नी ने केयर डायग्नोस्टिक सेंटर के नाम से टेंडर भरा था. तीन दूसरे फर्मों ने भी टेंडर भरे थे, लेकिन राजभवन में पदस्थ एक IAS अफसर की मिलीभगत से चंद्रेश शुक्ला की पत्नी को ही टेंडर मिला. यह टेंडर 2023 तक के लिए है.

बताया जाता है कि आरोपी डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला की बीजेपी के कई बड़े नेताओं से करीबी संबंध हैं. वह खुद को आरएसएस का प्रभावशाली नेता बताता था. हालांकि, सरकार बदलने के बाद उसने कांग्रेस के नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया था. बताया जा रहा है कि शुक्ला ने जबलपुर से जुड़े एक मंत्री से भी नजदीकियां बढ़ा ली थीं. हाल ही में उसने एक करोड़ रुपए की लग्जरी कार बुक की है जो जल्द ही उसे मिलने वाली है.

राजभवन के चप्पे-चप्पे से वाकिफडॉक्‍टर चंद्रेश शुक्ला का काफी समय से राजभवन में आना-जाना था. वह राजभवन के कोने-कोने और वहां की सभी व्यवस्थाओं से परिचित था. यही वजह थी कि उसने बिना डर के फर्जी फोन कर पूरी प्लानिंग बनाकर अपने दोस्त को अमित शाह बना दिया.

चंद्रेश शुक्ला पर डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के चुनाव में फर्जीवाड़े का आरोप भी है. इस आरोप में उसके खिलाफ जांच भी चल रही है. अगर उसे दोषी करार दिया जाता है तो डिग्री भी छीन सकती है. आरोप है कि डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य के लिए प्रदेश में हुए चुनाव में फर्जी मतपत्र छपवाकर बांट दिए गए थे.

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