अतिथि शिक्षकों के समर्थन में आया विपक्ष
भोपाल
35 दिनों से नियमितीकरण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे अतिथि विद्वानों पर हुए जानलेवा हमले के बाद राजनीति गर्मा गई है। मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी अतिथि विद्वानों के समर्थन में उतर आए हैं। गोपाल भार्गव ने कहा है कि अतिथि विद्वानों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा सका है।
क्या बोले गोपाल भार्गव
मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अपने ट्वीट में कहा है कि सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर भोपाल में पिछले 35 दिनों से इस सर्द मौसम में धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों के पंडाल में आग लगा दी गई, ताकि इनकी आवाज को दबाया जा सके। प्रदेश में जायज मांगों और हक के लिए लड़ना भी अब शायद अपराध है। भार्गव ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के टैग करते हुए उनसे इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की है।
क्या हुआ था रात में
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार देर रात को 2 बजे यह घटना हुई है। यहां के शाहजहांनी पार्क में पिछले 35 दिनों से करीब 3 हजार अतिथि विद्वान नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। एक पंडाल में करीब 500 अतिथि विद्वान रात को कड़ाके की ठंड में सो रहे थे। 2 बजे के आसपास अचानक कुछ लोगों की नींद पेट्रोल और कैरोसिन की बदबू से खुल गई। यह लोग आपस में इसकी बात ही कर रहे थे कि अचानक पंडाल के एक हिस्से में आग की लपटे उठने लगी। पंडाल में अफरा-तफरी मच गई। इस पंडाल में महिला और कई बच्चे भी थे। लोगों ने जैसे तैसे आग को बुझाने का प्रयास किया। कुछ लोग पंडाल के बाहर आकर देखने लगे तो उन्हें करीब चार लोग नकाब पहने हुए नजर आए और वे परिसर के बाहर दौड़ते हुए दिखे। सूत्रों के मुताबिक यदि आग पूरे पंडाल में फैल जाती तो वहां बड़ा हादसा हो जाता। सभी अतिथि विद्वानों ने पूरी रात दहशत में काटी।