शहडोल जिले में सत्ता की चादर में 52 परी का खेल बदस्तूर जारी :कानून को ठेंगा दिखाते नेता
जोगी एक्सप्रेस
शहडोल अखिलेश मिश्रा ,कोयलांचल में जुंआ के फड़ों को संचालित करना कानून को ठेंगा दिखाते हुए इस कारोबार को लगातार अंजाम देना कोई सामान्य बात नहीं है। चूंकि इस जुंए के फड़ पर सत्ता का दुशाला चढ़ा हुआ है। जिसके चलते कानून व्यवस्था भी इस दरवाजे पर नतमस्तक होकर गुजर जाती है। कल तक तो सिर्फ प्रदेश में सत्ता का लाभ उठाया जा रहा था। अब तो नगर सत्ता भी उनके हाथ में है। यह कारोबार पिछले दस वर्षों से संचालित है और जितने भी खाकी वर्दी के अफसर इस कोयलांचल क्षेत्र में आए उन्होंने इस अपराध को रोकने की बजाए सत्ता की चादर ओढ़े इन जुआडिय़ों के यहां माथा टेक दिया। दरबार की आड़ में चल रहे जुंए के इस फड़ को आज तक न जाने कितने कप्तान आए और न जाने कितने कप्तान चले गए। पर कार्यवाही शून्य रही।
बुढ़ार नगर में शहडोल-बुढ़ार के बीचोंबीच मुख्य मार्ग के किनारे जुंए का फड़ बेखौफ तरीके से संचालित है। यूं तो विकास की बात करने वाले उक्त सत्ताधारी नेता को तो अब सभी ने अपना सहयोग भी दे दिया है। इसलिए प्रशासन भी मजबूर होकर कार्रवाही करने से कतरा रहा है। इस जुंए के फड़ पर शहर एवं आसपास के कई रहीसजादे, खद्दरधारी नेता, कोयले का काला कारोबार करने वाले व्यापारी तथा कुछ वरिष्ठ जिम्मेदार पदाधिकारी भी यहां पर 52 पत्ते फेंटते हुए नजर आते हैं। पुलिस जिस तरह से संरक्षण दे रही है। और छोटे-मोटे जुंआडिय़ों को पकड़कर अपना कोरम पूरा कर रही है। वह कोरम सिर्फ दिखावे तक ही सीमित है।
किस तरह से होगा विकास
इस तरह का विकास क्या 52 परियों के बीच होकर गुजरेगा। दाल में नमक की तरह तो सभी स्वीकार करते हैं। पर इस सत्ताधारी नेता ने तो सत्ता का पूरा लाभ लेते हुए नमक ही हजम कर लिया है।
रिपोर्टर :अखिलेश मिश्रा
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