कितना भी विरोध करो, हम नागरिकता देकर ही दम लेंगे- शाह का कांग्रेस पर निशाना
जबलपुर
गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस वालों कान खोल कर सुन लो, जितना विरोध करना है करो, हम सारे लोगों को नागरिकता देकर ही दम लेंगे. भारत पर जितना अधिकार मेरा और आपका है, उतना ही अधिकार पाकिस्तान से आए हुए शारणार्थियों का भी है.
अमित शाह ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए रविवार को ये बात कही. उन्होंने कहा, 'आज सारे कांग्रेसी पूरे देश में CAA का विरोध कर रहे हैं. जो महात्मा गांधी ने कहा था, राहुल गांधी आप महात्मा गांधी की भी नहीं सुनोगे. महत्मा गांधी को तो कब का आपने छोड़ दिया है.'
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस वालों कान खोल कर सुन लो, जितना विरोध करना है करो, ये सारे लोगों को नागरिकता देकर ही हम दम लेंगे. भारत पर जितना अधिकार मेरा और आपका है, उतना ही अधिकार पाकिस्तान से आए हुए शारणार्थियों का है. वो भारत के बेटा-बेटी हैं, वो हमारे भाई हैं.'
अमित शाह ने कहा कि CAA पर बीजेपी एक जन जागरण अभियान चला रही है. ये जन जागरण अभियान बीजेपी इसलिए चला रही है क्योंकि कांग्रेस पार्टी, केजरीवाल, ममता बनर्जी, कम्युनिस्ट ये सभी इकट्ठा होकर देश को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ' आज मैं बताने आया हूं कि CAA में कहीं पर भी किसी की नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं है, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है.'
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश का बंटवारा धर्म के आधार पर किया. बंटवारे के समय पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइ को भारत आना था, मगर उस समय स्थिति सही नहीं होने के कारण वहां वो रह गए. हमारे देश के सभी नेताओं ने आश्वासन दिया कि आप अभी वहां रह जाइए और आप जब भी कभी भारत आएंगे तो आपका स्वागत किया जाएगा, भारत आपको नागरिकता देगा.
अमित शाह ने बताया कि 2 जुलाई 1947 को महात्मा गांधी जी ने कहा था कि जिन लोगों को पाकिस्तान से भगाया गया, जो पाकिस्तान में रह गए हैं उनको पता होना चाहिए कि वो भारत के नागरिक थे, जब भी भारत में आना चाहें भारत उनको नागरिकता देगा.
देश में सीएए के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों पर अमित शाह ने कहा कि देश के अल्पसंख्यकों को उकसाया जा रहा है कि आपकी नागरिकता चली जाएगी. मैं देश के अल्पसंख्यक भाइयों-बहनों से कहने आया हूं कि CAA को पढ़ लें, इसमें कहीं पर भी किसी की भी नागरिकता जाने का कोई प्रावधान नहीं है.