November 23, 2024

सीएए-एनआरसी पर अपनाएंगी ‘एकला चलो रे’ की नीति- ममता बनर्जी

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कोलकाता
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह अकेले लड़ेंगी। सदन में ही उन्होंने विश्वविद्यालय परिसरों में हिंसा और सीएए के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा 13 जनवरी को बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक के बहिष्कार की घोषणा भी की। भारत बंद के दौरान हुई हिंसा की आलोचना करते हुए ममता बनर्जी ने लेफ्ट और कांग्रेस पर दोहरे मानदंड अपनाने का भी आरोप लगाया। गौरतलब है कि ममता बनर्जी सीएए और एनआरसी के खिलाफ मुखर हैं और जमकर इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। वह खुद भी सीएए के खिलाफ होने वाली रैलियों में हिस्सा ले रही हैं।

ममता बनर्जी बुधवार को ट्रेड यूनियनों के बंद के दौरान राज्य में वामपंथी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा की गई कथित हिंसा से भी नाराज हैं। बता दें कि यह बंद केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों, संशोधित नागरिकता कानून और पूरे देश में प्रस्तावित एनआरसी के विरोध में बुलाया गया था। ट्रेड यूनियनों के 24 घंटे के राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं। प्रदर्शनकारियों ने रेल और सड़क यातायात बाधित करने करने का भी प्रयास किया। इसपर ममता बनर्जी ने कहा कि वामपंथियों और कांग्रेस के दोहरे मानदंड को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

'सोनिया गांधी की मीटिंग का करूंगी बहिष्कार'
विधानसभा द्वारा सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैंने नई दिल्ली में 13 जनवरी को सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है क्योंकि मैं लेफ्ट और कांग्रेस द्वारा बुधवार को पश्चिम बंगाल में की गई हिंसा का समर्थन नहीं करती हूं।’ उन्होंने कहा कि सदन सितंबर, 2019 में ही पूरे देश में प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुका है, ऐसे में नए सिरे से प्रस्ताव लाने की जरूरत नहीं है।

विपक्षी नेताओं ने जब ताजा प्रस्ताव लाने पर जोर दिया तो अपने रुख पर कायम रहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सोनिया गांधी की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होंगी। कांग्रेस और वामपंथियों की ओर से दबाव बनाए जाने पर उन्होंने कहा, ‘आप लोग पश्चिम बंगाल में एक नीति अपनाते हैं और दिल्ली में एकदम विपरीत नीति अपनाते हैं। मैं आपके साथ नहीं जुड़ना चाहती। अगर जरूरत पड़ी तो मैं अकेले लड़ने को तैयार हूं।’ ममता बनर्जी का कहना है कि वह हड़ताल करने वालों के साथ सहानुभूति रखती हैं लेकिन वह बंद के खिलाफ हैं, जिससे लोगों को दिक्कतें आईं।

ममता की अपील- एनपीआर में ना दें जानकारी
उन्होंने कहा, ‘हमने नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठाई। इस बार एनपीआर फॉर्म में छह नई निजी जानकारियां मांगी गई हैं। मैं आप सब से अनुरोध करती हूं कि किसी के साथ भी अपने विवरणों को साझा नहीं करें।’ उत्तरी 24 परगना के मध्यमग्राम में सीएए विरोधी प्रदर्शन मार्च को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘अगर आपके यहां आकर कोई विवरण मांगता है तो उनके अनुरोध को ठुकरा देना।'

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