राजस्थान-महाराष्ट्र की तर्ज पर लोकेशन बताने वाले टावर स्टेशन बनेगे सर्वे आॅफ इंडिया से होगा एग्रीमेंट
भोपाल
नक्शे, खसरे और मौके पर काबिज किसानों का मेल नहीं होने से जमीनों की नपाई में आ रही दिक्कतों को दूर करने और मौके पर जमीनें गायब होने से बचाने के लिए अब राज्य सरकार राजस्थान और महाराष्ट की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी सही लोकेशन बताने वाले सौ से अधिक टावर स्टेशन बनाएगी। सर्वे आॅफ इंडिया की मदद से ये स्टेशन पूरे प्रदेश में सौ स्थानों पर बनाए जाएंगे।
ये कार्ट्स टॉवर बीस करोड़ की लागत से पूरे प्रदेश में लगाए जाएंगे। इन टॉवरों में राजस्व विभाग अपने नक्शे, उनकी लोकेशन, खसरे की पूरी जानकारी लोड करेगा। इन टॉवर स्टेशनों से जमीन की सही लोकेशन मिल सकेगी। पटवारियों, तहसीलदार को लोकेशन लेने के लिए रोअर दिए जाएंगे। इसके बाद जमीन की जो नपाई होगी वह बिलकुल सही रहेगी। इससे जमीन गायब होने की स्थिति से बचा जा सकेगा। सरकार की इस पूरी कवायद से सरकारी जमीनों पर भूमाफियों के कब्जे से भी राहत मिलेगी।
राजस्व विभाग यह कवायद भी करने जा रहा है कि प्रदेश में जो जमीनें खसरे, नक्शे और मौके पर कब्जे के हिसाब से बिलकुल सही है उस खसरे का टाइटल रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इन जमीनों में किसी विवाद की स्थिति नहीं होने के कारण इन्हें खरीदना, बेचना आसान होगा। इससे इन विवाद रहित जमीनों को बैंक में बंधक रखकर उन पर कर्ज लेना आसान होगा। किसानों को इससे खेती-किसानी और अन्य जरुरतों के लिए आसानी से कर्ज मिल जाएगा। ये जमीनें विवाद रहित होंगी इसलिए बैंक इन जमीनों को आसानी से बंधक रख सकेंगे। इससे जमीनों का नामांतरण भी आसानी से हो सकेगा।