जमीनी हालात दिखाने विदेशी राजनयिकों को कश्मीर ले जाएगी सरकार?

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नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य के पुनर्गठन के बाद भारत सरकार पहली बार विदेशी राजनयिकों को कश्मीर ले जाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र शासित प्रदेश के जमीनी हालात से दुनिया को रूबरू कराने और पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करने के लिए भारत सरकार ने यह फैसला किया है।

जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान दुनियाभर में झूठ फैलाने की हर कोशिश कर रहा है। हालांकि, गिने-चुने 2-3 देशों के अलावा किसी ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया है। अब सरकार विदेशी राजनयिकों को ले जाकर संदेश देना चाहती है कि कश्मीर में हालात पूरी तरह सामान्य हैं।
 
इससे पहले अक्टूबर में यूरोपीय यूनियन के सांसदों का एक दल जम्मू-कश्मीर गया था। इन्होंने अलग-अलग समूहों और संगठनों के सदस्यों से मुलाकात की थी और डल झील में शिकारे का लुत्फ भी उठाया था। हालांकि, यह दौरा निजी था। लेकिन वहां जाने से पहले सांसदों के 23 सदस्यीय दल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। गौरतलब है कि सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया था।

जम्मू-कश्मीर में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। हाल ही में 7 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को कश्मीर से वापस बुलाया गया है। इसके अलावा नजरबंद किए गए नेताओं को भी धीरे-धीरे पाबंदी के दायरे से बाहर किया जा रहा है। अस्पतालों और अन्य कई जगहों पर इंटरनेट के अलावा एसएमएस सेवा को बहाल कर दिया गया है। जल्द ही मोबाइल इंटरनेट से भी पाबंदी हटाई जा सकती है।
 

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