ईरान की संसद से अमेरिका की सेना और पेंटागन को आतंकी घोषित करने के पक्ष में मतदान
तेहरान
अमेरिका के हमले में ईरान के शीर्ष कमांडन जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से ईरान में भारी गम और गुस्से का माहौल है। इस बीच देश की संसद ने अमेरिकी सेना और पेंटागन को आतंकी संगठन घोषित करने के समर्थन में मतदान किया। ईरान की सरकारी मीडिया के अनुसार, सांसदों ने सुलेमानी की हत्या के विरोध में यह प्रस्ताव पास किया। अमेरिका और ईरान के शीर्ष नेता एक-दूसरे के खिलाफ इस वक्त बहुत सख्त बयानबाजी कर रहे हैं।
संसद में गूंजे अमेरिका-इजरायल विरोधी नारे ईरान की मीडिया के अनुसार, बिल पास करने से पहले अमेरिका और इजरायल की निंदा की गई। सांसदों ने सुलेमानी की हत्या का बदला लेने और अमेरिका-इजरायल को सबक सिखाने का संकल्प लिया। इससे पहले पांच जनवरी को संसद में सांसदों ने अमेरिका की मौत के नारे लगाए थे। इससे पहले सोमवार को भी सुलेमानी की अंतिम यात्रा के दौरान लोगों का हुजूम तेहरान की सड़कों पर उतरा। हाथों में प्लेकार्ड लेकर पहुंचे लोगों ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सुलेमानी की आखिरी विदाई में भावुक हुए ईरान के शीर्ष नेता
तेहरान यूनिवर्सिटी में सुलेमानी के आखिरी दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग सोमवार को पहुंचे। स्थानीय निवासी अपने कमांडर के पोस्टर लेकर आए थे और जोर-जोर से नारे भी लगा रहे थे। अपने कमांडर को आखिरी विदाई देते हुए देश के सर्वोच्च नेता खामनेई बहुत भावुक हो गए और रोने लगे। नमाज़ के दौरान भी उनकी आवाज कई बार रुंध गई।
ईरान-अमेरिका के बीच तनाव पहुंचा चरम पर
बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शुक्रवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में सुलेमानी की मौत हो गई। हमला ईरान के लिए बहुत बड़ा झटका है और इसने पश्चिम एशिया में नए सिरे से युद्ध की आशंकाओं बढ़ा दिया है। ईरान ने 2015 परमाणु समझौते से अलग होने का ऐलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भी कई बार दोहरा चुके हैं कि ईरान अमेरिकी प्रतिष्ठान को नुकसान पहुंचाता है तो उसे सख्ती से जवाब दिया जाएगा।