निर्भया: आज तय हो सकता है फांसी का दिन
नई दिल्ली
निर्भया के गुनहगारों की फांसी को लेकर चर्चा एक बार फिर तेज है। उनके लिए तिहाड़ में फांसी का फंदा तैयार है। इंतजार है तो अब सिर्फ फांसी की तारीख का जो आज तय हो सकती है। इससे पहले निर्भया गैंगरेप मामले में फांसी की सजा पाने वाले चार दोषियों में से एक के पिता की फांसी को टालने की कोशिश भी सोमवार को बेकार हो गई। मामले के इकलौते चश्मदीद के खिलाफ झूठी गवाही देने के आरोप में एफआईआर से जुड़ी उनकी मांग को अदालत ने खारिज कर दिया।
अडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट (एसीएमएम) सुधीर कुमार सिरोही ने हीरा लाल गुप्ता की संबंधित मांग और शिकायत दोनों को ठुकरा दिया। कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता के बेटे पवन को पहले ही संबंधित एफआईआर के तहत दोषी करार दिया जा चुका है और उनकी ओर से अब दी जा रही दलील पूरे मुकदमे के दौरान बचाव के लिए दोषी के पास थी। उन्होंने आगे कहा कि ट्रायल कोर्ट का ऐसा कोई आदेश पेश नहीं किया गया, जिसमें चश्मदीद की गवाही को गलत या अविश्वसनीय ठहराया गया हो।
निर्भया के दोस्त पर केस नहीं चलेगा
अदालत को शिकायत में लगाया गया कोई भी आरोप संज्ञान लेने योग्य नहीं लगा। गुप्ता की शिकायत में आईपीसी की धारा 193 से 196 के तहत झूठे साक्ष्य पेश करने से जुड़े आरोपों को लेकर अदालत ने कहा कि इस पर संज्ञान लेने के लिए कोर्ट या उसके द्वारा नियुक्त किसी अधिकारी की ओर लिखित में कंप्लेंट जरूरी है। दोषी के पिता की ओर से उनके वकील एपी सिंह ने यह शिकायत दायर की थी। इसमें मामले के चश्मदीद और पीड़ित के दोस्त के खिलाफ झूठी गवाही देने का आरोप लगाया गया।
आज खत्म होग 7 साल का इंतजार?
इसके लिए उन्होंने एक हिंदी न्यूज चैनल के एंकर के ट्वीट को आधार बनाया और दावा किया कि उसने अपने चाचा के साथ मिलकर मामले में कथित तौर पर रिश्वत लेकर झूठी गवाहियां दी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। मामला 16 दिसंबर 2012 की रात चलती बस में एक 23 साल की पैरामेडिकल स्टूडेंट के साथ गैंगरेप से जुड़ा है, जिसकी घटना के कुछ दिनों बाद मौत हो गई थी। इस अपराध के लिए पवन के अलावा मुकेश, अक्षय और विनय को मौत की सजा सुनाई गई। अपनी बेटी के गुनाहगारों का अंत देखने के लिए पिछले सात साल से इंतजार कर रहे 'निर्भया' के माता-पिता भी अदालत में मौजूद थे।