उद्धव कैबिनेट में दिखी पवार की पावर, महाराष्ट्र सरकार में किसानों से दूर रह गई कांग्रेस
मुंबई
महाराष्ट्र में 30 दिसंबर को कैबिनेट विस्तार के छह दिन बाद रविवार को महा विकास अघाड़ी के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रियों को विभाग बांट दिए. उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजीत पवार नए वित्त मंत्री हैं और एनसीपी के एक अन्य नेता अनिल देशमुख को गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सबसे खास बात यह है कि एनसीपी को कई मलाईदार विभाग दिए गए हैं. इसमें वित्त, सिंचाई, ग्रामीण विकास, हाउसिंग, एक्साइज और सहकारी (कोऑपरेटिव) जैसे मंत्रालय शामिल हैं.
इन सबके बीच कांग्रेस को कोई ऐसा विभाग (पोर्टफोलिया) नहीं मिला जो गांव-घर से जुड़ा हो. कृषि, सिंचाई, ग्रामीण विकास, सिंचाई या सहकारी ऐसे विभाग हैं जिनका गांवों से सीधा नाता है. लेकिन उद्धव ठाकरे ने ऐसे विभागों को खुद की पार्टी शिवसेना को आवंटित कर दिया है. बाकी के कुछ अहम विभाग एनसीपी को दिए गए हैं. कृषि मंत्रालय शिवसेना ने खुद के पास रखा है. ऐसा तब किया गया है कि जबकि कांग्रेस के अधिकांश विधायक ग्रामीण इलाकों से जीत कर आए हैं. विभाग आवंटन से पहले उनकी कोशिश भी यही थी कि उन्हें गांव से जुड़े विभाग दिए जाएं लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
शिवसेना के आदित्य ठाकरे को पर्यावरण और पर्यटन, जबकि एकनाथ शिंदे को शहरी विकास मंत्रालय दिया गया है. वहीं शिवसेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई उद्योग मंत्रालय संभालेंगे. कांग्रेस के बालासाहेब थोराट नए राजस्व मंत्री होंगे और नितिन राउत ऊर्जा विभाग संभालेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) दिया गया है. विभाग आवंटन में शिवसेना ने अपनी शहरी पैठ बनाए रखी है और शहरी विकास मंत्रालय खुद के पाले में रखा है.
यह मंत्रालय बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के लिए काफी अहम है क्योंकि मुंबई को चलाने का जिम्मा इसी के कंधे पर है. बीएमसी या अन्य निगमों के बहुत जल्द चुनाव होने वाले हैं जिसमें शहरी विकास मंत्रालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. आदित्य ठाकरे की पसंद पर्यावरण, पर्यटन और प्रोटोकॉल मंत्रालय है, इसलिए उन्हें ये मंत्रालय आवंटित किए गए हैं.
मंत्रालय बंटवारे से यह बात भी सामने आई है कि उद्धव ठाकरे ने खुद के पास कम से कम विभाग रखे हैं. उनके पास सामान्य प्रशासन, कानून और न्यायपालिका, सूचना एवं जनसंपर्क जैसे विभाग हैं. इससे साफ है कि उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के दो वरिष्ठ मंत्रियों सुभाष देसाई और एकनाथ शिंदे पर ज्यादा भरोसा दिखाया है. इन दोनों के पास शिवसेना के सबसे अहम मंत्रालय उद्योग और शहरी विकास मंत्रालय हैं.
शिवसेना प्रमुख शरद पवार ने भतीजे अजीत पवार और वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को गृह मंत्रालय न देकर अनिल देशमुख को थमा दिया. कहा जा रहा है कि इससे यह स्पष्ट है कि पवार गृह विभाग को विवादों से दूर रखना चाहते हैं. अनिल देशमुख को शरद पवार और सुप्रिया सुले का काफी करीबी माना जाता है.