November 15, 2024

STF ने तलब की व्यापमं परीक्षा केंद्रों पर तैनात इनविजिलेटर की जानकारी

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भोपाल
व्यापमं महाघोटाले में वर्ष 2004, 2005, 2007 और 2009 में पीएमटी प्रवेश परीक्षा पास करने वालों की काउंसलिंग करने वालों के साथ ही परीक्षा केंद्रों पर तैनात  इनविजिलेटर की जानकारी एसटीएफ ने तलब की है। यह जानकारी आने के बाद हाल ही में दर्ज 6 प्रकरणों में आरोपियों की संख्या बढ़ जाएगी। इधर इन मामलों में आरोपी एक डॉक्टर ने जिला अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई थी, जो निरस्त हो गई।

एसटीएफ ने वर्ष 2004 में डॉ. सीमा पटेल, 2005 में डॉ. विकास अग्रवाल, 2007 में डॉ. देवाशीष विश्वास और 2009  में डॉ. सीताराम शर्मा पीएमटी प्रवेश परीक्षा पास करने वालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। इन चारों ने फर्जी मूलनिवासी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर शासकीय मेडिकल कॉलेज में राज्य कोटे से प्रवेश लिया था। इनके मूलनिवासी काउंसलिंग के लिए बनी कमेटी को चेक करना थे, लेकिन किए नहीं गए। इस वक्त कौन-कौन इस कमेटी के सदस्य थे, इस संबंध में एसटीएफ ने डीएमई को जानकारी देने के लिए लिख दिया है। वहीं वर्ष 2009 की पीएमटी परीक्षा में पल्लव अमृतफाले और हितेश अलावा के फोटो मिसमेच हुए थे। इसके बाद भी इनविजिलेटर ने इस पर आपत्ति दर्ज नहीं कराई। एसटीएफ को शक है कि इन दोनों की पीएमटी परीक्षा मुन्ना भाई ने दी है। एसटीएफ ने इनविजिलेटर के साथ ही परीक्षा केंद्रों के प्रभारियों की जानकारी व्यापमं से तलब की है।

एसटीएफ एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि आरोपी डॉ. देवाशीष विश्वास ने जमानत के लिए अग्रिम याचिका जिला अदालत में दायर की थी। एसटीएफ ने कोर्ट में जाकर अग्रिम जमानत याचिका का तथ्यों के साथ विरोध किया। कोर्ट ने याचिका निरस्त कर दी।

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