सस्पेंश बरकरार, कौन बनेगा रायपुर महापौर
रायपुर
दस नगर निगम में कांग्रेस ने महापौर-सभापति बनाने का खाका खींचा है। रणनीति सफल भी है, अब तक अधिकांश जगहों पर कांग्रेस का परचम लहरा चुका है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल राजधानी के नगर निगम का हैं जहां एक नाटकीय मोड़ के तहत आज निर्दलीय पार्षदों का समर्थन मिल जाने से कांग्रेस का पलड़ा भारी क्या तय हो गया है कि महापौर व सभापति उनका बनना है। लेकिन बनेगा कौन? लगातार प्रयासों के बाद भी किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। प्रमोद दुबे, ज्ञानेश शर्मा, एजाज ढेबर में मुख्य मुकाबला, दूसरे क्रम में अजीत कुकरेजा, श्रीकुमार मेनन का नाम जैसे की चल रहा है। वैसे तो परदे के पीछे और भी है जो ताल ठोंक रहे हैं। लेकिन बढ़ते रार के बीच आखिरी फैसला मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया गया है। अब उनके समक्ष धर्मसंकट हो गया है। कल शाम तक नाम घोषित करना ही होगा ताकि 6 जनवरी को किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो। कांग्रेस के विधायक व पार्षद एक दूसरे को साधने में लगे हैं। जो खबर आ रही है उसके मुताबिक निर्दलियों को एजाज ढेबर ने सलटाया है। इसलिए अब एक बार फिर उनका पलड़ा भारी हो गया है। आशंका क्रास वोटिंग की नहीं हैं फिर भी राजनीति की जंग में सब जायज है।
दूसरी ओर भाजपा के पार्षद गोंदिया-नागपुर इलाके में सैर सपाटा का मजा ले रहे हैं। अब उन्हे भी पता लग गया है कि पार्षदों की संख्या बल का आंकड़ा काफी बढ़ गया है ऐसे में वे क्या चुनाव में हिस्सा लें या बिलासपुर की तरह मैदान छोड़ दें। संगठन तय करेगा। बहरहाल मृत्युंजय दुबे, सूर्यकांत राठौर व मीनल चौबे का नाम वे चला रहे हैं। इस सस्पेंश में आम लोग भी शामिल हो रहे हैं कि आखिर कौन बनेगा राजधानी का महापौर?