आयकर विभाग ने पूर्व डीआईजी की 50 करोड़ रुपए की प्रापर्टी जप्त
भोपाल
आयकर विभाग की बेनामी यूनिट ने जेल विभाग में डीआईजी रहे पुरुषोत्तम सोमकुंवर की 30 बहुमूल्य प्रापर्टी 'अटैच" की है। इन संपत्तियों की मार्केट में मौजूदा कीमत करीब 50 करोड़ रुपए से ज्यादा आंकी गई है। इन संपत्तियों का भुगतान सोमकुंवर ने जेल ठेकेदार भारद्वाज के खातों से कराया था। पंजीयन रजिस्ट्रार और जिला प्रशासन को आयकर ने पत्र और सोमकुंवर को नोटिस भेजा है।
पंजीयन रजिस्ट्रार और जिला प्रशासन के अधिकारियों को भेजे पत्र में आयकर विभाग ने भोपाल के पास फंदा में सोमकुंवर की 50 एकड़ जमीन सहित सभी अचल संपत्तियों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई है। डीआईजी जेल रहे और शासकीय सेवा से बर्खास्त हुए सोमकुंवर के पास मिली गैर आनुपातिक संपत्तियों की लंबी लिस्ट है।
मार्च 2012 में उनके सभी ठिकानों पर लोकायुक्त द्वारा छापामारी की गई थी तब उनके यहां करोड़ों रुपए मूल्य की अनुपातहीन संपत्ति मिली थी। उसके बाद से ही मामले में आयकर विभाग अपनी छानबीन में जुट गया था।
जेल अधीक्षक रहते हुए उन्होंने ज्यादातर संपत्तियां खरीदीं और जांच पड़ताल में यह भी पता चला कि ज्यादातर भुगतान उन्होंने जेल ठेकेदार भारद्वाज के परिजनों के खातों से किया। यह भी आश्चर्य है कि जांच एजेंसियों ने जब खातेदारों से पूछताछ की तो उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी।
सोमकुंवर ने ज्यादातर संपत्तियां जब खरीदीं तब वह इंदौर सेंट्रल जेल में अधीक्षक पद पर कार्यरत थे। इसके बाद से ही सोमकुंवर की अघोषित संपत्ति पर कई जांच एजेंसियों की नजर थी, आयकर विभाग द्वारा सोमकुंवर को सौंपे गए शोकाज नोटिस में अपनी प्रापर्टी के वैध दस्तावेज पेश करने और उसे बेनामी अधिनियम की कार्रवाई से बचाने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है उसके बाद विभाग का फायनल आर्डर आएगा।
बताया जाता है कि पंजीयन रजिस्ट्रार के पास आयकर विभाग से आए पत्र में कहा गया है कि भोपाल के पास फंदा(हुजूर) में 50 एकड़ जमीन, भोपाल के सबसे महंगे इलाके चूना भट्टी क्षेत्र, ग्रीन एलेक्जर और पारस विलास में 6 प्लॉट एवं उनके आलीशान मकान की खरीद-फरोख्त रोकी जाए।
सोमकुंवर की पत्नी और बेटे के नाम पर संपत्तियां पाई गईं हैं। उनके यहां से सोने-चांदी के बेशकीमती आभूषण, लाखों रुपए नकद और 60 लाख रुपए से ज्यादा मूल्य के म्युचुअल फंड भी बरामद किए गए थे।