कच्ची कॉलोनियों में संपत्ति का मालिकाना हक मिलना शुरू, 20 लोगों को मिली रजिस्ट्री
नई दिल्ली
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने शुक्रवार को दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में संपत्ति के मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को संपत्ति के मालिकाना हक का प्रमाणपत्र और पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने वाले 20 लोगों को रजिस्ट्री के दस्तावेज सौंप कर इसकी शुरुआत की।
पुरी ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और डीडीए के उपाध्यक्ष तरुण कपूर की मौजूदगी में पहले 20 लाभार्थियों को संपत्ति के दस्तावेज सौंपे। संपत्ति का पहला पंजीकरण प्रमाणपत्र समयपुर बादली स्थित सूरज पार्क कॉलोनी की पिंकी शर्मा को दिया गया।
अनाधिकृत कॉलोनियों के किए क़ानून लाने के बाद आज हमने अपने 20 बहनों भाइयों को उनके घर की रेजिस्ट्री के काग़ज़ और कनवेयन्स डीड सौंप दिए। अब हमारे यह बहन भाई अपने घर में सुख, चैन और शांति से रह सकेंगे।
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि पहले 20 लाभार्थी सूरज पार्क और राजा विहार कॉलोनी के हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने 18 दिसंबर को संपत्ति के मालिकाना हक़ के लिए आवेदन किया था। इसके लिए 16 दिसंबर को ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई थी। पुरी ने बताया कि अब तक 57 हजार आवेदन आ चुके हैं। जैसे-जैसे आवेदकों के दस्तावेजों की जांच और शुल्क भुगतान की प्रक्रिया पूरी होती जाएगी, वैसे-वैसे मालिकाना हक और पंजीकरण प्रमाणपत्र लाभार्थियों को मिलते जाएंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि डीडीए ने अनाधिकृत कॉलोनियों के भू-उपयोग में परिवर्तन किया है, इसलिए मालिकाना हक का प्रमाणपत्र डीडीए द्वारा दिया जा रहा है और पंजीकरण शुल्क दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग को अदा किया जाएगा।
उन्हें आज अपने घर की रजिस्ट्री के कागज़ात और कनवेयन्स डीड मिल गए। इसके लिए इन्हें ₹12,16,266 के बजाय मात्र ₹1300 जमा करवाने पड़े। उन्होंने कहा कि शुल्क के एवज में मिलने वाली राशि से 'विशेष विकास कोष' बनाया गया है। इससे इन कॉलोनियों में विकास कार्य होंगे। उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने संसद द्वारा अलग से पारित कानून के माध्यम से पीएम उदय योजना के तहत 1731 कॉलोनियाँ नियमित की हैं।