November 23, 2024

पार्टी को नहीं मिला केंद्र के बड़े फैसलों का चुनावी फायदा , संगठन में बदलाव करने की तैयारी में भाजपा

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 नई दिल्ली 
लोकसभा चुनावों में बड़ी सफलता और उसके बाद केंद्र सरकार के पहले छह माह में बड़े और एतिहासिक फैसलों का ज्यादा चुनावी लाभ न मिलने से भाजपा की दिक्कतें बढ़ी हैं। इस दौरान अपने शासन वाले तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा केवल हरियाण में गठबंधन बनाकर सरकार बनाने में सफल हो सकी है।

पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि जल्दी ही सरकार व संगठन में अहम बदलाव किए जाएंगे, ताकि दोनों स्तरों पर ज्यादा मजबूती के साथ काम हो सके और लोगों तक वह प्रभावी ढंग से पहुंच भी सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते माह अपनी सरकार के पहले छह माह के कामकाज की व्यापक समीक्षा की थी।

इस दौरान उनके सामने विभिन्न मंत्रालयों का प्रदर्शन सामने आ चुका है। लगभग आधा दर्जन मंत्रियों जिनके पास दो या उससे ज्यादा मंत्रालय हैं, उनका काम ज्यादा काम होने से प्रभावित हो रहा है। कुछ मंत्री अपनी ही सफलताओं को जनता तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। ऐसे में सरकार में जल्द अहम बदलाव की संभावना है। चूंकि अभी खरमास चल रहा है इसलिए यह काम उत्तरायण में 15 जनवरी के बाद ही होगा। संभावना है कि सरकार बजट पेश करने और दिल्ली के चुनाव होने के बाद ही अपना पहला फेरबदल करेगी।

केवल जानकारी देना काफी नहीं
भाजपा के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि पार्टी को लोगों को यह समझाना पड़ रहा है कि मोदी-दो सरकार में जो बड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं वे किस तरह से देश के हित में हैं और विरोधी दलों ने ऐसा न करके किस तरह से नुकसान पहुंचाया है। अगर ऐेसे में विरोधी दलों को मजबूत होने का मौका मिलता है तो वे देश को पुरानी स्थिति की और ले जाने की कोशिश करेंगे। केवल सूचनाएं पहुंचाने से काम नहीं चलेगा, लोगों को उसे लेकर जागरुक भी करना पड़ेगा। यही वजह है कि नागरिकता कानून को लेकर भाजपा को देशव्यापी अभियान चलाना पड़ रहा है।

आधा दर्जन नेताओं की बदल सकती है भूमिका
इस समय भाजपा के संगठन चुनाव प्रक्रिया में हैं और नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ उनके भी फरवरी तक ही पूरे होने की संभावना है। ऐसे में संगठन में  भी राष्ट्रीय स्तर पर व प्रदेश स्तर पर कुछ बदलाव होने की पूरी संभावना है। लगभग आधा दर्जन प्रमुख नेता सरकार व संगठन में इधर से उधर हो  सकते हैं। संगठन स्तर पर हाल में तीन राज्यों में संघ से जुड़े प्रचारकों को सांगठनिक जिम्मेदारी भी दी गई है।

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