किम जोंग उन ने कहा, उत्तर कोरिया बनाता रहेगा घातक परमाणु हथियार
सियोल
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण पर लगी रोक को हटाने की घोषणा कर दी है। सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने किम के हवाले से कहा, ‘हमारे लिए अब एकतरफा प्रतिबद्धता को निभाते रहने का कोई आधार नहीं है।’
किम जोंग उन ने कहा, 'नॉर्थ कोरिया परमाणु हथियार बनाना जारी रखेगा। अमेरिका ने परमाणु मामले पर बात करने की समय सीमा पार कर दी है और कोई सार्थक बात नहीं हुई है।' रॉयटर्स के मुताबिक किम जोंग उन ने यह बात अपने पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों से कही है।
विश्लेषकों का कहना है कि सरकारी मीडिया द्वारा दी गई यह खबर ऐसी है, मानो किम ‘डॉनाल्ड ट्रंप के सिर’ पर मिसाइल रख रहे हैं, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के उकसावे पर उत्तर कोरिया को भी जवाब मिलेगा। अमेरिका इसका जवाब देने के लिए तत्पर है, हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने किम को ‘कोई और रास्ता अपनाने’ की सलाह देते हुए कहा कि उनका देश उत्तर कोरिया के साथ ‘शांति चाहता है न कि विवाद।’ बहरहाल, ट्रंप ने इस घटनाक्रम को तूल नहीं दिया।
उत्तर कोरिया इससे पहले समूचे अमेरिकी भूभाग को जद में लेने में सक्षम मिसाइलों का परीक्षण तथा छह परमाणु परीक्षण कर चुका है। इनमें से आखिरी परीक्षण की क्षमता हिरोशिमा विस्फोट से भी 16 गुना अधिक शक्तिशाली थी। कोई भी वास्तविक परीक्षण ट्रंप के कोप को बढ़ाने वाला होगा जो अकसर किम पर अपना ‘वादा नहीं निभाने’ का आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि उन्होंने कम दूरी वाले हथियारों के परीक्षण को कोई तवज्जो नहीं दी। दोनों देशों के नेताओं के बीच फरवरी में हनोई शिखर वार्ता बेनतीजा रहने के बाद से वार्ता में गतिरोध बना हुआ है और उत्तर कोरिया ने प्रतिबंधों पर राहत की ताजा पेशकश देने के लिए अमेरिका को साल के अंत तक की समयसीमा दी थी। सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने किम के हवाले से कहा, ‘हमारे लिए अब एकतरफा प्रतिबद्धता को निभाते रहने का कोई आधार नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘दुनिया एक नया सामरिक हथियार देखेगी जो निकट भविष्य में उत्तर कोरिया के पास होगा।’ सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति की पूर्ण बैठक और केसीएनए की रिपोर्ट तब सामने आयी है जब किम को नव वर्ष के मौके पर भाषण देना है। यह भाषण उत्तर कोरिया के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसमें गुजरे वक्त की समीक्षा की जाती है और भविष्य के लिए नये लक्ष्य तय किए जाते हैं। किम ने पार्टी के अधिकारियों को स्पष्ट किया कि उत्तर कोरिया अपनी परमाणु क्षमता की रक्षा करेगा भले ही इसके लिए उसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़े। केसीएनए ने किम के हवाले से कहा, ‘अमेरिका ऐसी मांगे कर रहा है जो हमारे देश के मौलिक हितों के विपरीत है और किसी लुटेरे की तरह व्यवहार कर रहा है।’
उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन ने कई बड़े और छोटे संयुक्त सैन्य अभ्यास किए जिसे रोकने का उसके राष्ट्रपति ने व्यक्तिगत रूप से वादा किया था और उसने दक्षिण कोरिया में उच्च तकनीक वाले सैन्य उपकरण भेजे तथा उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंध बढ़ा दिए। उन्होंने कहा, ‘हम कभी अपनी प्रतिष्ठा दांव पर नहीं लगा सकते। हमारे लोगों को हुई तकलीफ की भरपाई करने के लिए प्योंगयांग हैरतअंगेज कदम उठाएगा।’ गौरतलब है कि उत्तर कोरिया कई महीनों से अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों में ढील देने की मांग कर रहा है। अमेरिका में सेंटर फॉर द नेशनल इंटरेस्ट के हैरी काजियानिस ने कहा, ‘उत्तर कोरिया जो दो रियायतें प्रतिबंध में ढील और सुरक्षा की गारंटी चाहता है, उसे हासिल करने के बजाय मानो वह ट्रंप के सिर पर मिसाइल रखने का प्रयास कर रहा है।’
उन्होंने कहा किम एक खतरनाक खेल खेलने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह रणनीति जोखिम भरा है क्योंकि इसके जवाब में ‘अमेरिका के और अधिक प्रतिबंध लगाने, पूर्वी एशिया में सैन्य मौजूदगी को बढ़ाने तथा डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर अकाउंट से धमकी भरे ट्वीट आने की संभावना है।’ सियोल में एवहा यूनिवर्सिटी के लीफ-एरिक ईजली ने कहा कि किम की यह टिप्पणी घातक है। वहीं, अमेरिका ने पहले ही संकेत दिए हैं कि अगर उत्तर कोरिया लंबी दूरी का मिसाइल परीक्षण करता है तो वह उसका जवाब देगा। किम की इस घोषणा के बाद ‘फॉक्स न्यूज’ और ‘सीबीएस’ को पोम्पिओ ने कहा, ‘परमाणु एवं मिसाइल परीक्षण की बहाली बेहद निराशाजनक है।’ उन्होंने कहा, ‘‘आशा करता हूं कि किम अलग मार्ग अपनाएंगे और विवाद एवं युद्ध की जगह शांति एवं समृद्धि का चुनेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हमलोग शांति चाहते हैं, विवाद नहीं।’ सियोल के यूनिफिकेशन मंत्रालय ने कहा कि सामरिक हथियार के परीक्षण से ‘परमाणु निरस्त्रीकरण की बातचीत’ में मदद नहीं मिलेगी।