ST वर्ग के विद्यार्थियों को बड़ी राहत, अब 10 लाख तक आमदनी पर भी राज्य सरकार उठाएगी विदेश शिक्षा का खर्च
भोपाल
प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए राहत भरी खबर है। अब दस लाख तक परिवार की आमदनी होने पर भी राज्य सरकार इन परिवारों के बच्चों की विदेश में शिक्षा का खर्च उठाएगी। इसके पहले विदेश में शिक्षा प्राप्त करने वाले उन्हीं अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवारों के बच्चों को राज्य सरकार छात्रवृत्ति देती थी जिनकी पारिवारिक सालाना आय छह लाख रुपए से ज्यादा ना हो। इसके चलते छह लाख से अधिक आय वाले सभी परिवारों के विद्यार्थी राज्य सरकार की इस विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना से वंचित हो रहे थे।
अधिकांश सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की आमदनी छह लाख रुपए सालाना से उपर है उनके बच्चों को इस योजना का लाभ ही नहीं मिल पा रहा था। इसलिए अब सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया है। अब छह लाख की जगह दस लाख रुपए तक वार्षिक आमदनी होने पर भी अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को विदेशों में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति का लाभ राज्य सरकार की ओर से मिल सकेगा।
आयुक्त आदिवासी विकास ने इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए है। सभी कलेक्टरों को अब संशोधित आमदनी के अनुसार अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को योजना का लाभ देने को कहा गया है।