अतीत की विरासत को सहेजें और उसका अनुसरण करें युवा – राज्यपाल
भोपाल
राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने युवाओं का आव्हान किया है कि वे भारतवर्ष के अतीत की विरासत को सहेजते हुए उसका अनुसरण करें। माता-पिता, गुरुजनों और अपने परिवेश से प्राप्त होने वाले संस्कार ही व्यक्ति को एक अलग पहचान देते हैं।
श्री टंडन आज यहाँ राजभवन के सांदीपनि सभागार में नेहरू युवा केन्द्र द्वारा आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी विधा में सतत परिश्रम करने से हम उस विधा के विशेषज्ञ बन जाते हैं। इस विशेषज्ञता के सामने कोई प्रमाण-पत्र अधिक मायने नहीं रखता। राज्यपाल ने कहा कि आज का युवा प्रतिभावान है और उत्साही भी। राष्ट्र की तरुणाई अगर ठान ले, तो देश के विकास में आशातीत प्रगति सुनिश्चित है।
इस मौके पर मध्यप्रदेश विधानसभा की उपाध्यक्ष सुश्री हिना लिखीराम कांवरे ने कहाकि हमारे पास युवाओं के रूप में एक बड़ी सम्पदा है, जिसके चलते क्रांतिकारी परिवर्तन संभव है। नेहरू युवा केन्द्र जैसे संगठन द्वारा युवा शक्ति का सकारात्मक उपयोग किया जाना स्वागत-योग्य है।
नेहरू युवा केन्द्र के राज्य निदेशक श्री दिनेश राय ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि भारत सरकार के स्वच्छता एवं पेयजल मंत्रालय के सहयोग से नेहरू युवा केन्द्र ने प्रदेश के सभी जिलों में इंटर्नशिप आयोजित की, जिसमें केन्द्र के युवाओं ने 100 से लेकर 400 घंटे तक गाँवों में जाकर सेवा-कार्य किये। युवाओं ने वर्ष-भर शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक जागरूकता अभियान के माध्यम से ग्राम-सुधार में महती योगदान दिया।
इस अवसर पर राज्यपाल श्री टंडन ने भाषण प्रतियोगिता में सान्या ठाकुर, दीप्ति तोमर और वंशिका प्रसाद को क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्रदान किये। सेवा-कार्यों के लिये राहुल तिवारी, पिंकेश गुर्जर, शुभम चौहान तथा संजय नागर को पुरस्कृत किया गया। नेहरू युवा केन्द्र की ओर से चित्रकार राज सैनी द्वारा बनाया गया पोट्रेट और स्मृति-चिन्ह राज्यपाल को भेंट किया गया।
कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव श्री मनोहर दुबे, भोपाल कलेक्टर श्री तरुण पिथोड़े, वाल्मी की संचालक सुश्री वंदना शुक्ला उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शुभम चौहान ने किया तथा एनवाईके के जिला समन्वयक डॉ. सुरेन्द्र शुक्ला ने अतिथियों का आभार माना।