कोयले की कालिख से भी तेज सट्टे की कालिख ने बिगाड़ी धनपुरी नगर की शोभा : सट्टे की कमाई से चमके राजनीति के सितारे
समाज सेवा की आड़ में खुद का जुगाड़ ,समाजिक अपराध सट्टे की कमाई से चमके राजनीति के सितारे
जोगी एक्सप्रेस
नासूर बन गया नगर के लिए सट्टा ,सटोरिया नेता के प्रभाव के आगे पुलिस नहीं करना चाहती कार्यवाही ...
काली कमाई में नाबालिगो का हो रहा भरपूर उपयोग,जिन्हें अपने गुर्गे के रूप में पेश कर रहा नगर का सटोरिया
शहडोल अखिलेश मिश्रा । सट्टे के कारोबार से अपनी पहचान बनाने वाला कोयलांचल का सट्टा कारोबारी इन दिनो राजनैतिक गलियारे में गुलाटी मार रहा है। समाज सेवा की शपथ लेकर समाजिक अपराध को बढ़ावा देने वाले को राजनैतिक गलियारे में स्वच्छ छबि की उपाधि से नवाजा जा रहा है। पर्दे के पीछे का सच जिस दिन सामने आयेगा उस दिन इस नेता के साथ ही उसके आकाओं की भी कलई खुलने में देर नही लगेगी। कोयलांचल में फैले इसके कारोबार की जड़ों को उखाड़ना शायद इसी वजह से मुश्किल हो रहा है क्योंकि इसने राजनीति का दुसाला ओढ़ रखा है। पैर से लेकर सर तक सामालिक अपराध से डूबे इस सफेद पोश को सत्ता व विपक्ष दोनो का हीवरदान प्राप्त है। जिसका उसे अपने कारोबार को बढ़ाने में पूरा लाभ मिल रहा है।वही सूत्रों की माने तो पढ़ाई लिखाई करने वाले नाबालिग भी पैसो की चकाचौंध में अपना स्कूल अपना भविष्य तबाह कर सट्टा पट्टी काटने में लगे हुए ,जिन को यह भी नहीं मालूम की इस सामजिक बुराई की ओर झोकने वाला उनका आका खुद अपने आप को पारसा बता कर चुनावी मैदान में फिर से खादी की सारण तलाश करने में मशगूल है ,जानकारों की माने तो इस समय सट्टा किंग कहे जाने वाला यह बहरूपिया टिकट के लिए भोपाल में नेताओ की चौखट की शोभा बढ़ा रहा है ,
काली कमाई का बेताज बादशाह
जिसे आम नागरिक समाज सेवी के रूप में देखती है उसका एक और चेहरा भी है। यह चेहरा किसी को सामने से तो नजर नही आता है लेकिन उसके अंदर कौन से समाज सेवा के भाव छिपे है उससे लगभग-लगभग सभी वाकिफ है। कोयले की नगरी में काली कमाई का बेताज बादशाल बन चुके इस सफेद पोश के पेशे से सभी वाकिफ है। दु:खद पहलू यह है कि कोई भी इसके कारनामों को सामने लाने की हिम्मत नही कर पा रहा है।जानकारों की माने तो इसकी वजह भी लाजमी है चंद राजनेता और चौथे स्तंभ को यह चालबाज अपना ढाल बनाये हुए है ,और इन चाटुकारों के होते हुए सटोरिये की शान के खिलाफ़ जाने की हिमाकत भला कौन करेगा ,यदि किसी ने थोड़ी हिम्मत दिखाई तो इनके तीसरे सहयोगी कहे जाने वाले खाखी वर्दी धारी फ़ौरन हरकत में आ जाते है ,और बेजबरन तरह तरह के आरोप लगा कर सीधा अंदर का रास्ता दिखा दिया जाता ,जिससे इस सटोरिया के सामने किसी की जुबान नहीं खुलती
पुलिस ने सटोरियों के सामने टेके घुटने
सट्टे के कारोबार से एक लंबे अर्से से जुड़े होने की वजह से इसने अपनी अच्छी खासी पहचान बना रखी हैै। साथ ही राजनैतिक गलियारे में विपक्ष में होने के साथ ही इसे सत्ता धारियों की संगत से भी कोई गुरेज नही है। ऐसे में राजनैतिक गलियारे में भी इसकी अच्छी खासी पैठ हैै। जिसके चलते पुलिस भी इसके सामने पस्त है। कोयलांचल के हर एक गलियारे में फैले इसके एक-एक ठीहे से वाकिफ होने के बाद भी स्थानीय पुलिस इसके गिरेवां में हाथ नही डाल पा रही है। पुलिस के आला अधिकारी भी इस कारोबारी की नब्ज टटोलने से गुरेज कर रहे हैैं। सूत्रों की माने तो पुलिस सिर्फ प्यादों पर ही अपनी पकड़ दिखाने में माहिर है ,जबकि इस खेल का कप्तान अपने दरबार में आने वाले खाखी धारियों को चन्द टुकड़े दे कर रुखसत कर देता है ,जिसमें इसके नापाक दामन को पाक बताने में स्थानीय पुलिस कही गुरेज नहीं करती अब तो लोगो ने दबी जुबान पर यह भी कहना शुरू कर दिया है की ,सट्टा माफिया की वजह से नगर की शोभा को बट्टा लगता है तो लगे ,लेकिन कप्तान की ऊँची पकड़ के आगे सारे कलंक कप्तान के आलीशान ऑफिस में ही दफ़न हो जाते है !
क्यू नहीं आता नाम कौन है इसका पनाहगार …
कोयलांचल में आये दिन पुलिस छापामार कार्रवाई कर सट्टा व जुआं खेलने वालों की धरपकड़ करती है। सोचनीय पहलू यह है कि आज तक इस सट्टा कारोबारी का नाम कभी सामने नही आया है। जिसकी वजह इसकी धौंस व पहचान को माना जा रहा है। गली-गली में इसने अपने गुर्गे बैठा रखे हैैं। जिन पर कभी आंच नही आती है यदि आई भी तो कोई भी इस कारोबारी का नाम नही लेते सूत्रों की माने तो समाज के चौथे स्तंभ माने जाने वाले सामाजिक बुरइयो को उजागर करने वाले इस सटोरिये के खासमखास है ,जो रोज सुबह शाम अपने आका की चौखट पर मत्था टेकते हुए आसानी से नज़र आते है .
इनका कहना है ….
आपने मामला हमारे संज्ञान में डाला है दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी।
एस एस बघेल
एसडीओपी धनपुरी