November 23, 2024

बटाई पर जमीन लेकर खेती करने वाले किसानों नहीं मिलेगा बैंक से लोन, क्या बदलेंगे नियम?

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भोपाल
राज्य सरकार द्वारा बटाईदारों के हितों के लिए बनाए गए नियम के आधार पर प्रदेश के बैंकों ने फाइनेंस की सुविधा देने से इनकार कर दिया है। बैंकों ने कहा है कि अगर नाथ सरकार प्रदेश में आंध्र मॉडल लागू कर इस नियम को प्रभावी करे तो बटाईदारों को लोन देने के मामले में बैंक फैसला ले सकते हैं। बैंकों के इस फैसले से बटाई पर जमीन लेकर खेती करने वाले लाखों किसानों को लोन मिलने का रास्ता बंद है।

शिवराज सरकार के कार्यकाल में मध्यप्रदेश भूमिमस्वामी और बटाईदार के हितों का संरक्षण अधिनियम 2018 बनाया गया था। बटाईदारों के लिए बनाए गए इस नियम में किरायेदार (बटाई पर जमीन लेने वाले) किसानों के लिए पट्टों के  आधार पर फाइनेंस करने की व्यवस्था तय की गई है। प्रदेश के बैंक इससे सहमत नहीं हैं क्योंकि उन्हें अंदेशा है कि ऐसे में उनका पैसा फंस सकता है क्योंकि बटाईदार जमीन का मालिक नहीं होता है।

कमलनाथ सरकार इस पर फैसला ले सकती है। दूसरी ओर राज्य शासन इसके लिए बैंकों पर दबाव बना रहा है। इसे देखते हुए बैंकों ने सुझाव दिया है कि राज्य सरकार इसमें आंध्र मॉडल को अपना सकती है, जहां किरायेदार (बटाईदार) किसानों को राजस्व प्राधिकरण द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र और पहचान के आधार पर केसीसी सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति दी जाती है। इससे बटाईदार के बारे में मूल भूमिस्वामी से पुष्टि की जाती है।

बैंकों के इस सुझाव के बाद एसीएस फाइनेंस ने राजस्व विभाग को आंध्र मॉडल का अध्ययन करने की सलाह दी है। राजस्व विभाग दो माह में इसका अध्ययन कर रिपोर्ट देगा। एमपी में इसे लागू करने के हालातों को लेकर रिपोर्ट बैंकर्स की अगली बैठक में प्रस्तुत की जा सकती है, ताकि बैंक, बटाईदार किसान और भूमि मालिक के बीच त्रिपक्षीय समझौते को निष्पादित करने की रणनीति को अंतिम रूप दिया जा सके।

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