हिंडन नदी होगी प्रदूषण मुक्त, किनारे पर बनेगा 37 किमी लंबा रिवर फ्रंट
लखनऊ
राज्य सरकार उत्तर प्रदेश में नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एक नई पहल करने जा रही है। इसके लिए अब निजी कंपनियों का सहयोग लिया जाएगा। पहले चरण में गाजियाबाद की हिंडन नदी का काम निजी कंपनियों को दिया जाएगा। इसके लिए टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को अध्ययन रिपोर्ट के साथ डिटेल प्रोजोक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नाले-फैक्ट्रियों के पानी का होगा ट्रीटमेंट
गाजियाबाद की हिंडन नदी की प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) तक आपत्ति उठा चुका है। इसके प्रदूषण की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नगर विकास विभाग ने इसीलिए इस नदी को प्रदूषण मुक्त करने का काम निजी कंपनी को देने पर विचार कर रहा है। जिस कंपनी को काम दिया जाएगा। वह हिंडन नदी में गिरने वाले नालों को रोकेगी। इसके साथ ही फैक्ट्रियों का गंदा पानी नहीं जाने दिया जाएगा। इसके लिए निजी कंपनी नदी के आसपास के इलाके में ट्रीटमेंट प्लांट लगाएगी। गंदे पानी को साफ करने के बाद ही छोड़ा जाएगा।
हिंडन पर बनेगा 37 किमी लंबा रिवर फ्रंट
इसके साथ ही हिंडन नदी के किनारे-किनारे 37 किमी के दायरे में रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा। इसमें पार्क से लेकर अन्य सुविधाएं विकसित करने का काम निजी कंपनियां करेंगी। इसमें पार्क के आसपास रेस्टोरेंट भी खोलने की सुविधा विकसित की जाएगी। नगर विकास विभाग का मानना है कि इससे नदी का प्रदूषण तो समाप्त होगा ही साथ में वहां लोगों के आने-जाने से जागरूकता भी बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश से पहले द्रावती नदी जयपुर में इसी तर्ज पर काम हो चुका है। इसके बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं। इसलिए यूपी में यह प्रयोग किया जा रहा है।
नगर विकास प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा, 'हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए टाटा को डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके बाद स्विस चैलेंज पद्धति के आधार पर इसका टेंडर निकालते हुए निजी कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा। सबसे बेहतर प्रस्ताव देने वाली कंपनी को इसका काम दिया जाएगा।'