जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने करीब 800 तीर्थ यात्री किया अभिनंदन
भोपाल
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत आज भोपाल के हबीबगंज स्टेशन से लगभग 800 तीर्थ यात्री राजस्थान के अजमेर शरीफ के लिए रवाना हो गए. इस तीर्थ यात्रा के लिए 20 दिसम्बर तक आवेदन आंमत्रित किये गए थे. यह तीर्थ यात्रा भोपाल के हबीबगंज स्टेशन से शुरू होकर सीहोर और उज्जैन होती हुई 30 दिसम्बर को अजमेर शरीफ पहुंचेगी. इसमें भोपाल से 400, सीहोर से 200 और उज्जैन से 200 यात्री शामिल हुए हैं. मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में प्रदेश के 60 वर्ष अथवा अधिक आयु के बुजुर्ग, जोकि आयकर दाता नहीं है, को प्रदेश के बाहर अलग-अलग तीर्थ स्थानों की यात्रा कराई जाती है. यात्रा के दौरान भोजन, नाश्ता, चाय आदि नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है. शासन द्वारा यात्रियों के रुकने तथा तीर्थ स्थल तक बस के जरिए लाने और ले जाने की संपूर्ण व्यवस्था सरकार ने की है.
मंत्री पीसी शर्मा ने यात्रा दल को दिखाई हरी झंडी
रोशनपुरा पर मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के लिए अजमेर जाने वाली ट्रेन के लिए लोगों का जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने स्वागत कर फूल-मालाओं के साथ हार्दिक अभिनंदन किया और सफर की शुभकामनाएं दी. मंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि तीर्थ यात्रा के दौरान सभी यात्री प्रदेश की खुशहाली की कामना के लिए मत्था टेक कर आएं.
तीर्थ दर्शन के पात्र व्यक्ति
मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो.
आयकर दाता न हो.
60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो. महिलाओं के मामले में 2 वर्ष की छूट है. उनकी आयु 58 वर्ष हो.
ऐसे दिव्यांग नागरिक जिनकी विकलांगता 60 प्रतिशत से अधिक हो, आयु का बंधन नहीं है.
यदि पति-पत्नी साथ यात्रा करना चाहते हैं तो दोनों में से किसी एक की पात्रता होने पर दूसरा साथ जा सकता है, भले ही उसकी आयु 60 वर्ष से कम हो.
एक तीर्थ स्थल की यात्रा का मौका
इस योजना के अंतर्गत व्यक्ति को अपने जीवन काल में किसी एक तीर्थ स्थल की एक बार यात्रा का लाभ दिए जाने का प्रावधान. तीर्थ यात्रा हेतु समूह बनाकर आवेदन किया जा सकता है. समूह का मुखिया मुख्य आवेदक होगा, लेकिन ऐसा समूह 25 व्यक्तियों से अधिक का नहीं होगा. नवीनतम प्रावधान अनुसार पूर्व में यात्रा किए पांच वर्ष की अवधि पूर्ण होने के उपरांत पुनः यात्रा के लिए पात्र होंगे, साथ ही वर्तमान के तीर्थ स्थलों के समीप के तीर्थों की यात्रा का प्रावधान किया गया है. जबकि यात्रा हेतु शारीरिक एवं मानसिक रूप से सक्षम हों और किसी संक्रामक रोग जैसे टीबी, कोंजेष्टिव, कार्डियाक, श्वास में अवरोध सम्बन्धी बीमारी, कोरोनरी अपर्याप्तता, कोरोनरी थ्रोम्बोसिस, मानसिक व्याधि, संक्रमण, कुष्ठ रोग आदि से ग्रसित न हों.