डीएम अंकल, माफ करें…घुटनों पर बैठ रोए छात्र
नोएडा
होमवर्क पूरा न करने पर बहाना मारकर स्कूल से छुट्टी मारते आपने कई बच्चे देखें होंगे, लेकिन नोएडा से एक अजीब ही मामला सामने आया है। यहां दो छात्रों ने छुट्टी लिए डीएम के आदेश वाला फर्जी पोस्ट शेयर कर दिया, जिससे हड़कंप मच गया। हालांकि, बाद में उन छात्रों का पकड़ लिया गया।
पुराने आदेश को एडिट कर किया वायरल
जांच के बाद सोमवार रात सेक्टर-12 स्थित राजकीय इंटर कॉलेज के 2 छात्रों को पकड़ा गया था। छात्रों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने मस्ती करने के लिए डीएम गौतमबुद्धनगर का अवकाश से संबंधित फर्जी मेसेज लिखकर वायरल कर दिया था। पुलिस का कहना है कि उन्होंने दिया गया प्रैक्टिकल का काम नहीं किया था, जिसके चलते 23 और 24 दिसंबर की छुट्टी का फर्जी आदेश वायरल कर दिया। जो आदेश एडिट करके वायरल किया गया वह पिछले हफ्ते का था, जब ठंड और संशोधित नागरिकता कानून के चलते स्कूलों को बंद किया गया था।
डीएम की एक पुरानी पोस्ट को एडिट कर 2 दिन की छुट्टी का आदेश सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले में सेक्टर-20 थाना पुलिस ने पकड़े गए 12वीं के 2 छात्रों को मंगलवार को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया। जहां से उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया।
साथी छात्रों ने कान पकड़कर मांगी माफी
इस कार्रवाई के विरोध में जीआईसी के 100 से अधिक छात्र सेक्टर-27 स्थित डीएम कैंप ऑफिस पर दोनों छात्रों को माफ करने की मांग को लेकर बैठ गए। कैंप ऑफिस पर रोते बिलखते छात्र कान पकड़कर छात्रों को माफ करने की गुहार लगाते रहे।
डीएम का फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाकर रविवार को एक लेटर पोस्ट किया गया था। इससे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया था। जिसके बाद डीएम बीएन सिंह ने नोटिस जारी करके बताया था कि उन्होंने कोई लेटर जारी नहीं किया है। इसके बाद एसएसपी वैभव कृष्ण ने सेक्टर-20 थाना पुलिस को जांच के आदेश दिए थे।
'अंकल खेल-खेल में गलती हो गई'
पकड़े गए दोनों स्टूडेंट के साथी छात्रों ने मंगलवार को विरोध जताया। 100 से अधिक छात्र-छात्राएं करीब 2 बजे सेक्टर-20 थाने पहुंचे। यहां पुलिस ने उन्हें बताया कि दोनों छात्रों को फेज-2 स्थित बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। इसके बाद करीब 3 बजे सभी छात्र डीएम कैंप ऑफिस पहुंच गए। यहां छात्र-छात्राएं अपने कान पकड़कर घंटों बैठे रहे। वे रोते हुए बार-बार कह रहे थे कि डीएम अंकल खेल-खेल में गलती हो गई, माफ कर दो।
वहीं, छात्रों ने कहा कि बच्चों को जेल नहीं भेजना था। छात्रों को पुलिस ने काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन छात्र डीएम से मिलने पर अड़े रहे। एसएचओ राजबीर सिंह चौहान ने बताया कि दोनों छात्रों पर मामला दर्ज कर उन्हें बाल सुधार गृह भेजा गया है।