कांग्रेस के प्रदर्शन से ऐन पहले भोपाल में हटायी गयी धारा 144
भोपाल
भोपाल (Bhopal) में धारा 144 हटा ली गयी है. कलेक्टर तरुण पिथौड़े ने आदेश जारी कर दिया है. नागरिकता संशोधन कानून CAA के विरोध में प्रदर्शन और तनाव को देखते हुए राजधानी भोपाल सहित 43 ज़िलों में धारा 144 लगायी गयी थी. इसके तहत धरना-प्रदर्शन और 4 से ज़्यादा लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर रोक थी. माना जा रहा है कि CAA के विरोध में कांग्रेस के 25 दिसंबर को होने वाले प्रदर्शन को देखते हुए धारा 144 हटायी गयी है.
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर 25 दिसंबर को राजधानी भोपाल में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन होने वाला है. इसमें प्रदेश भर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और नेताओं के पहुंचने की ख़बर है. कहा जा रहा है कि उसी को देखते हुए भोपाल में धारा 144 हटा दी गयी है. इससे प्रशानिक अफसरों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
धारा 144 लागू होते ही इस दौरान जिले में सभी तरह के धरना प्रदर्शन पर रोक लग गयी थी. भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने सोशल मीडिया और अन्य सोशल प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक मैसेज या फ़ोटो ना भेजने की भी सख्त हिदायत दी थी. जिला दंडाधिकारी भोपाल तरुण पिथोड़े ने धारा 144 के तहत भोपाल में सोशल प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सअप, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, ग्रुप एसएमएस, और अन्य सोशल प्लेट फॉर्म पर आपत्तिजनक संदेश, चित्र, किसी समुदाय, धर्म, संप्रदाय के खिलाफ आपत्तिजनक, भड़काऊ, मैसेज भेजने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इसमें किसी भी जाति या धर्म विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने या वीडियो, फ़ोटो शेयर करने वालों पर धारा 144 के तहत कार्रवाई की गई थी.साथ ही सोशल मीडिया के ग्रुप एडमिन और अन्य लोगों को भी सोशल मीडिया के जरिए भड़काऊ संदेश फैलाने पर रोक लगाने के आदेश दिए गए थे.
जिले में धारा 144 लगाने का अधिकार कलेक्टर के पास होता है. जब समाज में किसी तरह के तनाव या किसी बड़े विरोध प्रदर्शन जिसके कारण शांति भंग होने का भय हो, तब उसे रोकने के लिए धारा 144 लागू की जाती है. इसमें किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, अस्त्र-शस्त्र के प्रयोग करने पर रोक रहती है. इसका उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाती है. नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध को लेकर हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए राजधानी सहित 43 ज़िलों में धारा 144 लगा दी गयी थी.