भारतीय रेलवे ने चार साल से नहीं दिए राज्य सरकार के 882 करोड़ रुपए
भोपाल
भारतीय रेलवे चार साल से राज्य सरकार के 882 करोड़ रुपए नहीं दे रहा है। ऊर्जा विभाग की इस बकाया राशि की अदायगी के लिए जब शासन ने प्रेशर डाला तो रेलवे ने मामला कोर्ट पहुंचा दिया है। रेलवे के साथ दर्जन भर उद्योगों ने भी बिजली नियमों के अंतर्गत मिलने वाले 1100 करोड़ का भुगतान सरकार को नहीं किया है।
राज्य सरकार द्वारा रेलवे सहित उद्योगों को विद्युत अधिनियम-2003 के प्रावधान के मुताबिक प्रदेश के बाहर ओपन एक्सेस के अंतर्गत बिजली खरीदने की अनुमति दी गई है। ऐसे कंज्यूमर्स से ऊर्जा विभाग नियामक आयोग के निर्देशों के मुताबिक क्रास सब्सिडी और एडिशनल सरचार्ज की वसूली करता है। ओपन एक्सेस में यह व्यवस्था होती है कि कोई भी उद्योग या कम्पनी मार्केट से सस्ती बिजली की खरीदी कर विद्युत लाइनों से उसे अपने सेंटर तक ले जा सकता है। इसके लिए एक मेगावाट से अधिक की बिजली सप्लाई करने के नियम हैं।
इसी तारतम्य में ओपन एक्सेस का फायदा लेने पर भारतीय रेलवे को ऊर्जा विभाग द्वारा 2017-18 से 201-20 के बीच तीन सालों में अलग-अलग 121.41 करोड़, 330.21 करोड़ और 152.8 करोड़ के बिल जारी किए गए हैं। रेलवे ने इसके बदले एक रुपए भी सरकार को नहीं दिए हैं। इसके चलते जनवरी 2016 से अब तक रेलवे पर 882.03 करोड़ बकाया हैं।