November 23, 2024

कांग्रेस एनआरसी पर देश के मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर का डर दिखा रही: मोदी

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नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर आज विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने देशवासियों खासतौर से मुसलमानों के सामने CAA और एनआरसी को लेकर सच्चाई सामने रखने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके साथी अर्बन नक्सली एनआरसी पर देश के मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर का डर दिखा रहे हैं जबकि उनकी सरकार बनने के बाद से आज तक एनआरसी शब्द की कभी चर्चा तक नहीं हुई। उन्होंने कहा कि डिटेंशन सेंटर में भेजने की बात तो दूर, देश में डिटेंशन सेंटर है ही नहीं। पीएम ने कहा कि कांग्रेस वोट बैंक के लिए बांटने की राजनीति करती आई है। वह सत्ता से दूर है तो उसने फिर से बांटने का अपना पुराना हथियार निकाल लिया है।

'भारतीय मुसलमानों को NRC से कोई लेनादेना नहीं'
उन्होंने देश के मुसलमान नागरिकों को आश्वासन दिया कि एनआरसी का उनपर कोई असर नहीं होगा। पीएम ने कहा, 'जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, जिनके पुरखे मां भारती के संतान हैं, उन पर नागरिकता कानून और एनआरसी, दोनों का कोई लेनादेना नहीं है। देश के किसी मुसलमान को डिटेंशन सेंटर में न भेजा जा रहा है और न हिंदुस्तान में डिटेंशन सेंटर है।'

'मुसलमानों को डरा देश बांट रही है कांग्रेस'
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और उसके साथ, शहरों में रहने वाले कुछ पढ़े-लिखे नक्सली, अर्बन नक्सल अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर को भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा, 'मैं हैरान हूं कि इस अफवाह पर अच्छे-अच्छे पढ़े-लिखे भी पूछ रहे हैं कि यह डिटेंशन सेंटर क्या होता है। कुछ तो अपनी शिक्षा की कद्र कीजिए। एक बार पढ़ तो लीजिए कि संविधान संशोधन और एनआरसी, ये सब है क्या? आप तो पढ़े-लिखे लोग हो।' पीएम ने आम लोगों से किसी मुद्दे पर कोई कदम उठाने से पहले उसे अच्छे से समझने की अपील की। मोदी ने कहा, 'देश के नौजवानों से आग्रह करता हूं, जरा पढ़िए इसको। अब भी जो भ्रम है, मैं उनसे कहूंगा कि कांग्रेस और उनके अर्बन नक्सल साथियों द्वारा उड़ाई गई डिटेंशन सेंटर वाली अफवाह सरकार झूठ है, बदइरादे वाली है, देश को तबाह करने के नापाक इरादों से भरी पड़ी है।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह झूठ है, झूठ है, झूठ है।'

'एक कानून में अधिकार देकर दूसरे से अधिकार लेंगू क्या?'
पीएम ने आगे कहा, 'इस देश में एनआरसी पर भी ऐसा झूठ चलाया जा रहा है। यह कांग्रेस के जमाने में बना था, तब सोए थे क्या? हमने तो बनाया नहीं, पार्ल्यामेंट में आया नहीं, न कैबिनेट में आया है, न उसके कोई नियम-कायदे बने हैं। हव्वा खड़ा किया जा रहा है। मैंने पहले ही बताया- इसी सत्र में आपको जमीन, मकान का अधिकार दे रहे हैं तो दूसरा कानून आपको निकाल देने के लिए बनाएंगे क्या?'

'कौवे के पीछे मत भागिए, कान देखिए'
मोदी ने अफवाहों में फंसकर हिंसा पर उतारू प्रदर्शनकारियों से भी समझदारी दिखाने की अपील की। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस और उसके जैसे दलों ने चीख-चीखकर बोला कि वो देखो कौवा कान काटकर उड़ गया। कुछ लोग कौवे के पीछे भागने लगे। अरे भाई, पहले अपना कान तो देख लीजिए। पहले यह तो देख लीजिए कि एनआरसी पर कुछ हुआ भी है क्या? झूठ चलाया जा रहा है। मेरी सरकार आने के बाद कहीं पर भी एनआरसी शब्द पर कोई चर्चा नहीं हुई है, कोई बात नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट ने जब कहा तो सिर्फ असम के लिए करना पड़ा।'

'कांग्रेस को अर्बन नक्सल का साथ'
पीएम ने अपने संबोधन में बुद्धिजीवियों के एक खास वर्ग को भी खूब लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि जिन अर्बन नक्सल को लगता था कि वह भारत के भाग्य विधाता हैं, उन्हें जनता ने नकार दिया तो बौखलाकर देश को बांटने पर तुल गए हैं। मोदी ने कहा, 'झूठ बेचने वाले, अफवाह फैलाने वालों को पहचाने की जरूरत है। इनमें दो तरह के लोग हैं। इनकी राजनीति दशकों तक वोट बैंक पर ही टिकी रही है।'

'खुद को सरकार समझते थे अर्बन नक्सल'
पीएम ने कहा, 'दूसरे वे लोग, जिनको इस राजनीति का लाभ मिला है। ये लोग सोचते थे कि खुद ही सरकार हैं। उनको लगता था कि देश उनके इशारे पर चलता है। वो सोचते थे कि वो जो इतिहास बताते थे, उसे ही सच मान लिया जाएगा। वो जो भविष्य बताएंगे, उसको ही भारत का भाग्य मान लिया जाएगा। वोट बैंक की राजनीति करने वाले और खुद को भारत का भाग्य विधाता मानने वालों को आज जब जनता ने नकार दिया है तो अपना पुराना हथियार निकाल लिया है- बांटो, भेद करो, भेदभाव करो और राजनीति का उल्लू सीधा करने की कोशिश करो।'

उन्होंने नागरिकता कानून पर कहा कि यह भारतीय नागरिकों के लिए है ही नहीं। पीएम ने कहा, 'सिटिजनशिप अमेंडमेंट ऐक्ट भारत के किसी नागरिक के लिए, चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान, उसके लिए है ही नहीं। यह पार्ल्यामेंट में बोला गया है और पार्ल्यामेंट में झूठ बोलने की इजाजत होती ही नहीं।'

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