November 22, 2024

 यूपी में उपद्रवियों पर ऐक्शन शुरू, मुजफ्फरनगर में 50 दुकानें सील, NSA लगाने की तैयारी

0

 
लखनऊ

नागरिकता कानून के विरोध में यूपी में हुई हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचानेवालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यूपी सरकार ने हिंसा के दौरान संपत्ति को हुए नुकसान के आकलन के लिए एक चार सदस्यीय कमिटी बनाई है। लखनऊ में हुई हिंसा में शामिल 250 उपद्रवियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने की तैयारी है। 13 हजार से ज्यादा संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान की गई है। मुजफ्फरनगर में प्रशासन ने कथित उपद्रवियों से जुड़ी 50 दुकानों को सील किया है। गोरखपुर में पुलिस ने उपद्रवियों की फोटो सोशल मीडिया पर जारी करते हुए पहचान बतानेवालों को इनाम देने की घोषणा की है। उधर, यूपी के 21 जिलों में सोमवार तक के लिए इंटरनेट सेवा पर पाबंदी लगा दी गई है।
बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यूपी में हुई हिंसा से हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति को जब्त कर की जाएगी। सीएम के इस ऐलान के दो दिन बाद ही शनिवार को उपद्रवियों को चिन्ह्ति कर उन्हें नोटिस भेजना शुरू कर दिया गया। मुजफ्फरनगर में प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 50 दुकानों को सील कर दिया है।
 
मामले की जांच जारी
यह ज्यादातर दुकानें मिनाक्षी चौक और कच्ची सड़क इलाकों में हैं। एसएसपी अभिषेक यादव ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, 'हमें इस बात की पुष्टि करनी होगी कि इन दुकानों को बंद क्यों रखा गया था। दुकानों के आसपास भीड़ भी जमा हो गई थी। इस मामले में जांच जारी है।'

फिरोजाबाद में एनएसए की तैयारी
उधर, फिरोजाबाद पुलिस भी उपद्रवियों की पहचान करने में जुटी है। पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों के के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होगी। डीएम चंद्र विजय सिंह ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान में हम उनकी पहचान करने में जुटे हैं।
 
नुकसान के आंकलन में जुटी टीम
वहीं, राजधानी लखनऊ में चार टीमें नुकसान के आंकलन में जुटी हैं। इसके बाद उपद्रवियों पर कार्रवाई की जाएगी। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में सूबे के कई जिलों के डीएम ने बताया कि कार्रवाई करने के लिए उपद्रवियों की पहचान सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर की जा रही है।

'सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई'
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 1 अक्टूबर, 2018 को राज्य सरकारों के लिए एक सख्त आदेश पारित किया था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी बनाया जाए। नुकसान की प्रतिपूर्ति उनसे ही की जाए। अदालत ने एजेंसियों को ऐसे लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है। अवस्थी यह बयान इसलिए भी आया है कि माना जा रहा है कि जिला प्रशासन की इन कार्रवाइयों को अदालत में चुनौती दी जा सकती है।

'जिन लोगों की मौत, वे क्रॉस फायरिंग में मारे गए'
उधर, यूपी डीजीपी ने दावा किया है कि उनकी पुलिस की तरफ से कोई गोली नहीं चलाई गई है। उन्होंने कहा, 'अब तक जिन लोगों की मौत हुई है, वे क्रॉस फायरिंग में मारे गए हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में स्थिति साफ हो जाएगी। हम इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट है। यदि हमारी गोलीबारी के कारण किसी की भी मृत्यु हुई, तो हम न्यायिक जांच करेंगे और कार्रवाई करेंगे। लेकिन हमारी तरफ से कुछ नहीं हुआ है।'

अब तक 18 की मौत
उधर, यूपी में शनिवार को भी हिंसक विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। कानपुर और रामपुर में भीड़ ने आगजनी की और पुलिस के साथ झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई। प्रदेश के विभिन्न जिलों में गुरुवार से हिंसा में अब तक कम से कम 18 लोग मारे जा चुके हैं। यूपी पुलिस ने कहा कि हिंसा की वारदात में 260 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से 57 को गोलियां लगी हैं।

सीएम योगी की अपील
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्माचार्यों और प्रबुद्ध वर्ग से सहयोग की अपील की है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ यूपी के विभिन्‍न जिलों में हुई हिंसक घटनाओं के बीच सीएम योगी ने शनिवार को धर्माचार्यों और प्रबुद्ध वर्ग से आगे आकर प्रशासन से सहयोग करने की अपील की। योगी ने यह भी कहा कि अगर नागरिकता कानून को लेकर किसी के मन में कोई आशंका भी है, तो कानून को हाथ में लेने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कथन पर भरोसा रखें, जो उन्होंने नागरिकता विधेयक के सन्दर्भ में कहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *