सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोले, कानून हाथ में लेकर हिंसा की छूट किसी को नहीं
लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून को हाथ में लेकर उपद्रव व हिंसा की छूट किसी को भी नहीं दी जा सकती है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे किसी बहकावे में न आएं और शांति बनाए रखने में सरकार का पूर्ण सहयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि नागरिकता कानून किसी जाति, मत, मजहब के खिलाफ नहीं है बल्कि यह भारत के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा की गारंटी देता है। इसके बाद भी इस प्रकार का हिंसक प्रदर्शन भारत के कानून को नकारने जैसा है।
मुख्यमंत्री ने पुनः इस बात को दोहराया है कि जहां भी सार्वजनिक संपत्ति को उपद्रवियों ने क्षति पहुंचायी है, उस संपत्ति की भरपाई, वीडियो फुटेज तथा अन्य पुष्ट प्रमाणों के आधार पर चिन्हित किए जा रहे उपद्रवियों की संपत्तियों को जब्त करके की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि अफवाहों में न पड़ें और उपद्रवी तत्वों के उकसावे में न आएं। उन्होंने शांति बहाली की अपील करते हुए पुलिस प्रशासन को नागरिकता कानून पर अफवाह फैलाकर लोगों को गुमराह करने और हिंसा फैलाने वाले तत्वों को ढूंढ निकालने के निर्देश दिए हैं।
सीएम ने कहा कि नागरिकता कानून पर फैलाए जा रहे भ्रम और बहकावे में कोई भी न आए। प्रदेश में हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने का दायित्व यूपी सरकार का है और यूपी पुलिस हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से की मुलाकात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राजभवन जाकर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की और आधे घंटे चर्चा की।
सरकार के प्रवक्ता ने यूं तो इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है, लेकिन माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे हिंसक आंदोलन के बाबत बात की है। उन्हें इससे निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। राज्यपाल भी केंद्र के गृहमंत्रालय को इस बाबत अपनी रिपोर्ट भेजेंगी। राज्यपाल समय समय पर राज्य से संबंधित रिपोर्ट केंद्र को भेजते रहे हैं।