मध्यप्रदेश विजन-टू-डिलीवरी रोडमैप-2020-2025
भोपाल
मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार ने 17 दिसंबर 2019 को एक वर्ष पूरा किया है। एक वर्ष में अर्जित सफलताओं और उपलब्धि साझा करने के लिए आज आयोजित एक कार्यक्रम में सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के लिए अगले पाँच वर्षों के लिए एक विजन दस्तावेज़ 'मध्य प्रदेश विजन-टू-डिलीवरी रोडमैप 2020-2025 ’जारी किया गया। रोडमैप दस्तावेज़ का अनावरण पूर्व प्रधानमंत्री और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में एक गरिमापूर्ण समारोह में मुख्यमंत्री कमल नाथ की मौजूदगी में मिन्टो हॉल, भोपाल में हुआ।
विजन टू डिलीवरी रोडमैप – 2020-2025 के मुख्य बिन्दु
रोडमैप दस्तावेज़ का निर्माण लोगों की सामाजिक-आर्थिक और मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं और कम, मध्यम और लम्बे समय के उद्देश्यों को ध्यान में रख लोक-केंद्रित विकास प्रक्रिया के तहत किया गया है। इसमें सभी नागरिकों विशेषकर महिलाओं, बच्चों, किसानों और अन्य हाशिए वाले समूहों का विकास सुनिश्चित करने पर फोकस किया गया है।
पाँच साल के रोडमैप की कल्पना प्राथमिक (नागरिकों और संबंधित विभागों) के साथ-साथ द्वितीय (राजनीतिक नेतृत्व, फैसला लेने वाले लोगों, अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थानों) हितधारकों के साथ एक बढ़ी और विचार-विमर्श प्रक्रिया थी। यह रोडमैप विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों की जरूरतों के मुताबिक विकास संबंधी प्राथमिकताओं को व्यवस्थित तरीके से शामिल करते हुए विभिन्न स्तरों पर चरणबद्ध तरीके से उनके क्रियान्वयन के लिए तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी सरकार चिन्हित क्षेत्रों पर वास्तविक रूप में कार्य करने के लिये प्रतिबद्ध है। रोडमैप में चिन्हित मानव विकास संकेतकों और सम्बंधित लक्ष्यों में मध्य प्रदेश का वर्ष 2025 तक शीर्ष प्रदर्शन करने वालों प्रदेशों में से एक के रूप में बनने का उद्देश्य निर्धारित किया गया है। यह पिछले एक साल में सरकार द्वारा की गई पहलों और अभिनव कार्यक्रमों को पूरक बनाएगा, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों विशेष रूप से किसानों, महिलाओं, बच्चों के लिए, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
रोडमैप में मध्य प्रदेश को 'विकास समृद्ध और ख़ुशहाल राज्य’ बनाने पर बल दिया गया है। इसके लिए, राज्य की कानूनी और प्रशासनिक व्यवस्था को बेहतर और लोगों के अनुकूल बनाने और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए एक सुविधाजनक वातावरण बनाने की प्रतिबद्धता रोडमैप में है।
इस रोडमैप में आर्थिक समृद्धि, सामाजिक समानता, सांस्कृतिक समरसता, पर्यावरणीय स्थिरता, बुनियादी ढाँचे के विकास और सुशासन के 06 मानव विकास विषयों को शामिल किया गया है। इन 6 क्षेत्रों को पुनः 11 सेक्टरों में बाँटा गया है, जो क्रमशः औद्योगिक विकास, कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों, शिक्षा, लोक स्वास्थ्य और पोषण, समावेशी विकास, संस्कृति, विरासत और पर्यटन, युवा कल्याण और खेल, सिंचाई, ऊर्जा और पर्यावरण, शहरी विकास, ग्रामीण विकास और सुशासन हैं।
रोडमैप दस्तावेज़ में मध्य प्रदेश के विश्लेषण में प्रदेश की शक्तियों, कमजोरियों, अवसरों का आंकलन किया गया है। इसके बाद दस्तावेज़ बनाने के लिए अपनाये गये सिद्धांतों का उल्लेख किया गया है। रोडमैप के निर्माण में अपनाई गई क्रिया जैसे पृष्ठभूमि, विकास की रूप-रेखा, चहुँमुखी एजेंडा और प्रमुख क्षेत्रों और मुख्य विषयों की पहचान, प्रत्येक क्षेत्र की आकांक्षाएँ तथा आकांक्षाओं का प्राथमिकता निर्धारण इत्यादि है। सेक्टोरल प्राथमिकताएँ तय करने एवं दस्तावेज को बनाने में हितधारकों से बातचीत, विभागों से बातचीत तथा डेस्क अनुसंधान को विकसित करने के लिये अपनाये गये तरीकों का उल्लेख है। दस्तावेज़ के मुख्य अंग – पृष्ठभूमि, दृष्टि, मिशन और लक्ष्य, निगरानी योजना और प्रमुख प्रदर्शन संकेतक एवं सूचकांक हैं।
इस रोडमैप के आधार पर प्रत्येक क्षेत्र और विभाग के लिए व्यापक प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (KPI)’ का निर्माण भी किया जायेगा जिससे प्रगति को मापने योग्य बनाने के साथ-साथ जहाँ भी जरूरी हो, सुधारात्मक कार्रवाइयों को सुनिश्चित किया जा सके।
कुल मिलाकर 'मध्य प्रदेश विज़न-टू-डिलीवरी रोडमैप 2020-2025' मध्यप्रदेश को एक संपन्न और समृद्ध राज्य बनाने के लिए लोगों की सरकार की प्रतिबद्धता है, जहाँ हर किसी की देखभाल की जाती है, उनकी आजीविका मजबूत होती है और हितों की रक्षा की जाती है।