CM कमलनाथ के टारगेट पर प्रदेश के ये 590 बड़े माफिया, प्रशासन को कार्रवाई के लिए फ्री हैंड
भोपाल
मध्य प्रदेश में माफियाओं पर सरकार का बुलडोजर चल रहा है. कमलनाथ सरकार के टारगेट पर वैसे हर छोटा-बड़ा माफिया है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक 590 माफियाओं को चिन्हित किया गया है. इन बड़े माफिया के अलावा भी हजारों की संख्या में छोटे माफियाओं की शिकायतें भी मिली हैं.
सरकार के फ्री हैंड देने के बाद अब प्रशासन चुन-चुनकर इन माफिया पर कार्रवाई (Action) कर रहा है. इंदौर (Indore) के माफिया जीतू सोनी (Jitu Soni) पर हुई कार्रवाई ने सरकार की मंशा को साफ कर दिया था. सरकार किसी के दबाव में आने वाली नहीं थी. कमलनाथ (Kamalnath) के प्लान के तहत सबसे पहले बड़े माफिया का सफाया किया जाए. साथ ही जिन छोटे माफियाओं की शिकायतें आ रही हैं, उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाए.
कमलनाथ ने मंत्रालय में ली अफसरों की बैठक में पहले ही साफ कर दिया है कि किसी भी माफिया को बख्शा नहीं जाए. जिलों में कमिश्नर, जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस अफसरों की टीम माफिया की निगरानी कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. कमलनाथ ने प्रदेश में फल-फूल रहे बड़े माफिया पर कार्रवाई के लिए फ्री हैंड दिया है. कमलनाथ के इसी टारगेट पर प्रशासन का फोकस है. अब सरकार चुन-चुन कर चिन्हित बड़े माफिया पर शिकंजा कस रही है, इसके अलावा जिलों में सक्रिय संगठित माफिया पर भी कार्यवाही की जा रही है.
माफिया पर हो रही कार्यवाही को बीजेपी भेदभाव की कार्रवाई बता रही है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि सरकार माफिया मुक्त प्रदेश की जगह अराजकता की स्थिति बना रही है. चुन-चुनकर बीजेपी और सरकार विरोधी लोगों पर कार्यवाही कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार दादागिरी के दम पर भय और खौफ पैदा करना चाहती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी इसे स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि लीगल कागजात दिखाने के बाद भी बीजेपी के लोगों पर कार्यवाही हो रही है.
खेल मंत्री जीतू पटवारी ने आरोप लगाया था कि, 'बीजेपी नेता माफियाओं के साथ खड़े हैं. इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय माफिया का साथ दे रहे हैं तो भोपाल में राकेश सिंह माफियाओं पर हो रही कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं.' कांग्रेस का दावा है कि इस कार्रवाई से सीधा फायदा आम जनता को होगा. साथ ही सरकार के प्रति जनता में विश्वास पैदा होगा. जनता की गाढ़ी कमाई पर अपना साम्राज्य खड़ा करने वाले माफिया पर लगाम कसेगी और पीड़ित लोगों को इंसाफ मिलेगा. लेकिन इस मुहिम पर बीजेपी सवाल खड़े कर रही है.