November 23, 2024

ऊर्जा संरक्षण एवं दक्षता प्रबंधन को जीवन शैली का हिस्सा बनाएँ- ऊर्जा मंत्री सिंह

0

भोपाल

ऊर्जा मंत्री  प्रियव्रत सिंह ने ऊर्जा संरक्षण सप्ताह पर बिजली उपभोक्ताओं से कहा कि वे ऊर्जा संरक्षण और बिजली बचत को अपने जीवन शैली का हिस्सा बनाएँ। उन्होंने कहा कि सुखद व सुरक्षित भविष्य के लिये बिजली की बचत समय की सबसे बड़ी माँग है।  प्रियव्रत सिंह ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण सप्ताह मनाने का उद्देश्य उपभोक्ताओं में ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागृति लाना है। ऊर्जा संरक्षण का अर्थ यह नहीं है कि ऊर्जा या बिजली का उपयोग नहीं किया जाए, बल्कि बिजली का दक्षतापूर्वक व विवेकशील उपयोग किया जाए। विभिन्न सर्वेक्षणों से यह सिद्ध हो चुका है कि बिजली की बहुत बड़ी मात्रा उपयोगकर्ता की असावधानी के कारण बर्बाद होती है। बिजली उपभोक्ता यदि थोड़ी सी सावधानी बरतें तो बिजली का दुरूपयोग रोका जा सकता है। प्रत्येक उपभोक्ता की थोड़ी-थोड़ी बचत बिजली की बहुत बड़ी बचत में परिवर्तित हो सकती है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप वर्तमान में प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं व उद्योगों को 24 घंटे और कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। ऐसी स्थिति में प्रदेश के नागरिकों को 24 घंटे बिजली सप्लाई करने का लक्ष्य केवल बिजली सप्लाई में वृद्धि करने से पूर्ण नहीं हो सकता, बल्कि इसके लिए ऊर्जा संरक्षण एवं उपभोक्ता दक्षता प्रबंधन को भी अपनाना होगा। प्रदेश में उद्योगों के अतिरिक्त ऊर्जा बचत की सबसे ज्यादा संभावना कृषि कार्यों, स्ट्रीट लाइट व घरेलू लाइटिंग में है।

उजाला योजना से 911 करोड़ की बचत

ऊर्जा मंत्री  सिंह ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण के उद्देश्य से प्रारंभ की गई 'उजाला योजना' में प्रदेश में एक करोड़ 75 लाख31 हजार 165 एलईडी बल्व वितरित किए जा चुके हैं। एलईडी बल्वों के माध्यम से जहां उपभोक्ताओं के घरों के बिजली बिलों की राशिमें कमी आई, वहीं ऊर्जा संरक्षण का महत्वपूर्ण लक्ष्य भी हासिल हुआ। उजाला योजना की बदौलत मध्यप्रदेश में प्रतिवर्ष 22,76,720 एमडब्ल्यूएच (मेगावाट प्रतिघंटा) ऊर्जाऔर 911 करोड़ रूपए की बचत हुई। बिजली की उच्चतम मांग के समय में 456 मेगावाट पारम्परिक बिजली की बचत के साथ प्रतिवर्ष 18,44,143 टन कार्बन डाई आक्साइड की कटौती संभव हुई। इसके साथ ही प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण के संरक्षण में भी मदद मिली।

ट्रांसमिशन लॉस 2.71 प्रतिशत के न्यूनतम स्तर पर

ऊर्जा मंत्री  सिंह ने कहा कि पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रयासों से ट्रांसमिशन लॉसेस 2.71 प्रतिशत के न्यूनतम स्तर तक पहुँच गए हैं। जनरेटिंग कंपनी ने तेल व कोयले की बचत के साथ अधिक बिजली उत्पादन किया है। प्रदेश की तीनों डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां द्वारा एटी एंड सी लॉसेस को कम करने के लिए आर-एपीडीआरपी के अंतर्गत कार्य करने से बिजली हानियाँ पूर्व की तुलना में कम हुई हैं। बिजली कंपनियों के मुख्यालय शक्ति भवन में रूफटाप बिजली प्लांट से लगभग 365 किलोवाट बिजली उत्पादित हो रही है। साढ़े तीन वर्षों में शक्ति भवन के रूफटाप सोलर प्लांट द्वारा 16.68 लाख यूनिट बिजली उत्पादित हुई है। भोपाल में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय परिसर में 11.96 किलोवाट रूफ टाप बिजली उत्पादित हो रही है। प्रदेश में अक्षय ऊर्जा को घर-घर तक पहुंचाने के लिए विकेन्द्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति लागू की गई है।

ऊर्जा मंत्री  प्रियव्रत सिंह ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण के लिए अपना योगदान देने के लिये उपभोक्ता दो बातों का ध्यान रखें। प्रथमत: वे बिजली का वहीं उपयोग करें, जहाँ अति आवश्यक हो। दिन में सूर्य के प्रकाश का अधिकतम उपयोग करें और बहुत जरूरी नहीं होने पर बिजली चलित उपकरणों का उपयोग टालें। द्वितीय यह कि बिजली चलित उपकरणों की गुणवत्ता का ध्यान रखें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *