शक्तिशाली मध्यप्रदेश के लिए रखें बड़ी सोच-कमल नाथ
भोपाल
एक साल बीत गया। सरकार की स्थिरता के सम्बन्ध में तमाम अटकलों का अंत हो गया है। मैंने बार-बार दोहराया कि जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है, यह सरकार लोगों की आकांक्षाओं और उम्मीदों का प्रतिबिंब है। लोग चाहते थे कि उनकी पसंद का एजेंडा लागू हो, न कि उन पर कोई एजेंडा थोपा जाए। लोगों के फैसले का सम्मान स्वस्थ रूप से किया जाना चाहिए। यदि हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं, तो हमें लोगों की पसंद और उनके विवेक का सम्मान करना चाहिए।
मैंने मध्य प्रदेश को अपार अवसरों और संभावनाओं के प्रदेश के रूप में देखा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, मध्य प्रदेश के लोगों ने जो पाया उससे कहीं ज्यादा बेहतर के हक़दार है। मुझे लगता है कि विकास की प्रक्रियाओं का विश्लेषण करते समय अच्छे और बुरे समय बिंदुओं की परस्पर तुलना करना उचित और तार्किक नहीं होगा क्योंकि हर समय बिंदु पर प्राथमिकताएँ बदलती रहती हैं। नए-नए परिदृश्य उभरते हैं और नए रास्ते खुलते जाते हैं। नए क्षेत्र खुलते हैं। इसलिए अंधेरे को कोसने से अच्छा रोशनी करना बेहतर है। अतीत को कोसने की अपेक्षा भविष्य की ओर आगे देखना बेहतर है। हमें नए क्षितिजों पर ध्यान लगाना होगा।
हमारे सभी फैसले लोगों की अपेक्षाओं पर आधारित हैं। हमने अब तक अनसुने लोगों को भी सुना और एक नई शुरुआत की। मध्य प्रदेश अब एक बहुप्रतीक्षित आर्थिक गतिशीलता के लिए तैयार है। लोग उत्तरदायी और जवाबदेह शासन चाहते हैं। उनकी समस्याओं को संवेदनशील तरीके से हल किया जाना चाहिए। उनके वैधानिक अधिकारों और सहूलियतों का ध्यान रखा जाना चाहिए। वे एक प्रभावी और सक्षम सेवा प्रदाय तंत्र की अपेक्षा करते हैं। हमने बहुत कम समय में जो किया है वह सबके सामने है। मैं मानता हूँ कि पारदर्शिता सुशासन की आत्मा है। लोगों को यह जानने का पूरा अधिकार है कि सरकार उनके लिए क्या कर रही है।
हमें लोगों की बुद्धिमत्ता पर विश्वास है। वे भी सरकार की चुनौतियों से वाकिफ हैं। लंबे समय से चली आ रही दूरी को पाटने के लिए शासन में संरचनात्मक सुधारों की बहुत आवश्यकता है। हम संविधान से प्रेरणा लेते हैं, जिसमें स्पष्ट रूप से राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों का उल्लेख है। केंद्र में हमारी सरकार ने पहले अनिवार्य शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा का अधिकार लागू किया। इनका व्यापक असर आज दिख रहा है। इसी तरह से, हम स्वास्थ्य के अधिकार और पानी के अधिकार के बारे में कानून ला रहे हैं। इसके अलावा, हम रोजगार के अधिकार पर भी विचार-विमर्श कर रहे हैं। यह तभी संभव है जब राज्य में बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियाँ बढ़े और आर्थिक उद्यमिता का विकास हो। मध्य प्रदेश में वह सब कुछ है, जो इसे एक आर्थिक शक्ति बना सकता है। इस सच्चाई के बावजूद कि हमारे पास मजबूत, प्रतिबद्ध और कुशल जनशक्ति, अपार संसाधन और अच्छी भौगोलिक कनेक्टिविटी है, मध्य प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था में सब ठीक नहीं है। कोई कारण नहीं है कि हमें धीमी गति से चलना पड़े। हमें अपनी जीडीपी का विस्तार करना होगा और इसे वास्तविक रूप में और ज्यादा सहभागी बनाना होगा। हर वर्ग और क्षेत्र का जीडीपी के विस्तार में योगदान होना चाहिए। इसके लिए हमें ऐसा माहौल बनाना होगा, जिसमें हर नागरिक अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने के बारे में सोच सके। विशाल लेकिन यथार्थवादी आर्थिक लक्ष्य निर्धारित करने होंगे और उन्हें हासिल करने के लिए खुद को संकल्पित होना होगा।सरकार ने ऋणग्रस्त किसानों के ऋण माफ करने का अपना पहला बड़ा निर्णय लिया। ऋण माफी प्रक्रिया अभी जारी है और हम अपना वादा पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आदिवासी समुदायों को आर्थिक विकास की प्रक्रिया में शामिल होना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वर्षों से जंगलों में रहने वाले आदिवासी लोगों को उनका वाजिब हक मिले। उनकी ऋणग्रस्तता सरकार के आवश्यक हस्तक्षेप के साथ समाप्त होनी चाहिए। उनका सामाजिक अलगाव राज्य के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
हमारे सभी निर्णय चाहे वह अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27% आरक्षण हो या आवारा मवेशियों के लिए शेड का निर्माण, बेसहारा, विकलांग लोगों के लिए पेंशन को दोगुना करना, मध्य प्रदेश को खाद्य मिलावट मुक्त राज्य बनाने के लिए संकल्प करना, बिजली दर को कम कर प्रथम 100 यूनिट 100 रूपये में देना, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण, निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर गाइडलाइन दर को 20% तक कम करना, आदिवासी समुदायों के तीर्थों का संरक्षण करना हो, सभी उत्तरदायी सरकार बनने के संकल्प की झलक दिखाते हैं। भविष्य में भी यह सिलसिला जारी रहेगा।
हम अपने इकानॉमिक विजन डॉक्यूमेंट का अनावरण कर रहे हैं। हर नागरिक से अपील है कि वे इसे लागू करने में सहयोग करें। मध्य प्रदेश को आर्थिक शक्ति बनाने के लिए बड़ा सोचें।