देश को सुरक्षित रखने के लिए सच्चाई को पहचानें और उसका साथ दें
भोपाल
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि देश को सुरक्षित रखने के लिए यह जरूरी है कि हम सच्चाई को पहचानें और उसका साथ दें। नाथ 48 वर्ष पूर्व भारत द्वारा 16 दिसंबर को पाकिस्तान को करारी शिकस्त देने पर विजय दिवस पर आयोजित 'आवाज दो, हम एक हैं' कवि सम्मेलन में बोल रहे थे।
नाथ ने कहा कि देश में आज जो विपरीत परिस्थितियाँ उत्पन्न हो रही हैं, ऐसे समय में जरूरी है कि हम राष्ट्र की एकता, अखण्डता को मजबूत करने और बेहतर भविष्य बनाने के लिए सच्चाई को पहचानें। उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह करने के लिए जो कहानियाँ गढ़ी जा रही हैं उनकी सच्चाई जानना बेहद जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विजय दिवस पर आयोजित इस कवि सम्मेलन में मैंने उपस्थित कवियों से सच्चाई को अभिव्यक्त करने और श्रोताओं से सच्चाई का साथ देने का संकल्प लेने को कहा है। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने 1971 के भारत – पाकिस्तान युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि 16 दिसंबर भारत के इतिहास का वह दिन है जब द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार हुआ था कि पकिस्तान सेना के 93,000 जवानों ने भारत के सामने आत्मसर्म्पण किया था। यह युद्ध इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि यूरोप सहित पश्चिमी देशों ने भारत की खिलाफत की थी। लेकिन हमारे देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री आयरन लेडी मती इंदिरा गांधी ने दृढ़ता के साथ निर्भय होकर भारत के वीर जवानों के साथ दुश्मनों को मुँहतोड़ जवाब दिया। भारत की इस महानतम विजय के बाद विश्व ने भारत की ताकत को पहचाना।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री कमल नाथ ने 'आवाज दो, हम एक हैं' कवि सम्मेलन में शामिल कवि डॉ. राहत इंदौरी, डॉ. सम्पत सरल, डॉ कुमार विश्वास, कर्नल वी.पी. सिंह, रासबिहारी गौड़, रमेश मुस्कान, सु कविता तिवारी और दिनेश बावरा का शाल, फल भेंट कर सम्मान किया।
इस मौके पर मंत्रिमंडल के सदस्य संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील, संस्कृति मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री हर्ष यादव, श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा, ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे, उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी, वाणिज्यिक कर मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल, वित्त मंत्री तरुण भनोत एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।