एलआईजी से नौलखा चौराहा के बीच एलिवेटेड रोड की योजना को मंज़ूरी
इंदौर
बीआरटीएस कॉरिडोर पर सबसे संकरे हिस्से एलआईजी से नौलखा चौराहा के बीच एलिवेटेड रोड की योजना को पीडब्ल्यूडी ने फाइनल कर दिया है। योजना है कि एलिवेटेड रोड बनने के बाद भी बस लेन और बस स्टेशन को यथावत यानी नीचे ही रखा जाए। रोड के बीच में स्पान बनाकर फोर लेन एलिवेटेड रोड बनाया जाए, जिसमें सीधे (थ्रू) जाने वाला ट्रैफिक जा सके। पीडब्ल्यूडी ने एलिवेटेड रोड के निर्माण की समय सीमा दो साल तय की है। प्रोजेक्ट की लागत करीब 350 करोड़ रुपए है। पहले चरण में सिविल वर्क के लिए 272.66 करोड़ रुपए के टेंडर बुलाए गए हैं। बाद में यूटिलिटी शिफ्टिंग और लाइट आदि कार्यों पर बची राशि खर्च की जाएगी।
सब-वे नहीं होगा प्रभावित
पीडब्ल्यूडी ब्रिज सेल के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर गिरजेश शर्मा ने बताया कि एलिवेटेड रोड एमआर-9 चौराहा के एलआईजी की तरफ से बनेगा और नौलखा चौराहे के आगे होलकर साइंस कॉलेज के पहले खत्म होगा। कॉलेज के पास बना सब-वे प्रोजेक्ट से प्रभावित नहीं होगा। पीडब्ल्यूडी ने ऐसी डिजाइन बनाई है कि एलिवेटेड रोड के कारण किसी बस स्टेशन को हटाना या छोटा-बड़ा नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए ब्रिज की गर्डर ज्यादा लंबाई की रखी जाएंगी। एलिवेटेड रोड की चौड़ाई 15.50 मीटर रहेगी, यानी आने-जाने के लिए दो-दो लेन जगह उपलब्ध रहेगी। एलआईजी से नौलखा के बीच एलिवेटेड रोड की लंबाई करीब छह किलोमीटर होगी जबकि ग्रेटर कैलाश रोड, ढक्कनवाला कुआं मेन रोड और शिवाजी प्रतिमा जंक्शन पर एग्रीकल्चर कॉलेज की तरफ की तीनों भुजाओं की कुल लंबाई करीब एक किमी होगी।
एलिवेटेड ब्रिज बनने के बाद चौड़ी होगी बस लेन
शर्मा के मुताबिक एलिवेटेड रोड के पियर (पिलर) ढाई मीटर के होंगे और कैंटीलीवर आकार का एलिवेटेड रोड उन्हीं पर टिका होगा। चूंकि बीच में पियर के कारण बस लेन की चौड़ाई प्रभावित होगी, इस वजह से बस लेन को दोनों तरफ एक से सवा मीटर तक चौड़ा किया जाएगा। एलिवेटेड रोड बनने के बाद बस लेन की रेलिंग को और आगे बढ़ाया जाएगा। पीडब्ल्यूडी की योजना है कि वह ठेकेदार कंपनी से 300-300 मीटर लंबाई में काम करवाए। जिस हिस्से में काम होगा, वहां निर्माण के दौरान बस लेन खोली जाएगी जिसे बाद में नई चौड़ाई के हिसाब से फिर बना दिया जाएगा।