निकाय चुनावों के ऐलान से पहले अध्यक्षों को नाथ ने दिया जीत का मंत्र
भोपाल
निकाय चुनावों के ऐलान से पहले नगर पालिका व नगर परिषद अध्यक्षों से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज सीधी बात की। इस दौरान सीएम नाथ ने चुनावी दृष्टिकोण से उन जिलों के बारे में फीडबैक लिया जहां चुनाव प्रस्तावित हैं। साथ ही इन निकायों में आम जन से जुड़े समस्यात्मक पहलुओं के बारे में भी जानकारी ली गई।
सीएम नाथ ने बुधवार को नगरीय निकायों में कांग्रेस के निर्वाचित पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। प्रदेश के अलग-अलग निकायों में कांग्रेस के जो पदाधिकारी निर्वाचित हैं, उन्होंने इस मौके पर सीएम को निकायों की ताजा स्थितियों से अवगत कराया। सूत्रों का कहना है कि बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि अगले छह माह में गर्मी के दौरान या फिर अभी एक दो माह में कब चुनाव कराना बेहतर रहेगा। इसके साथ ही नगर निगमों में भाजपा के एकछत्र राज को खत्म किए जाने को लेकर भी कई नेताओं ने अपने सुझाव मुख्यमंत्री को दिए हैं। नगर पालिका अध्यक्ष और नगर निगम महापौर के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने के सरकार के फैसले पर भी कुछ सुझाव आए हैं।
बैठक में नगर पालिका अध्यक्षों ने अपने क्षेत्र की अलग-अलग समस्याओं की जानकारी भी सीएम को दी। नगरीय निकाय चुनावों के ऐलान के पहले बुलाई गई इस बैठक में अधिकांश नगरपालिका अध्यक्षों ने अवैध कालोनियों, पीने के पानी, सीवेज, नर्मदा जल की अनुपलब्धता, कर्मचारियों की मनमानी के मसले सीएम नाथ के समक्ष उठाए। बिल्डरों द्वारा किए जाने वाले आधेअधूरे कामों तथा अस्पताल व स्कूल की जमीन बेचकर प्लाट या मकान बनाने के कारण निकायों में पैदा होने वाले हालातों के बारे में भी बताया गया। कई नपाध्यक्षों ने चुंगी क्षतिपूर्ति बंद होने के कारण निकायों के काम में होने वाली दिक्कतें बताईं। इसके अलावा पीएम आवास और मुख्यमंत्री आवास योजना के मामले में भी पेश आने वाली परेशानियों बताई गईं।आय के स्त्रोत विकसित नहीं होने का मसला भी बैठक में उठा।