अंतागढ़ टेपकांड-मंतूराम ने स्वीकारा उसी की है टेप में आवाज
रायपुर
अंतागढ़ प्रकरण के मुख्य आरोपी मंतूराम पवार मंगलवार को एसआईटी दफ्तर पहुंचे और अपना वाइस सेंपल दिया। श्री पवार ने कहा कि टेप में अजीत जोगी के साथ बातचीत की उनकी आवाज है। पूर्व विधायक ने कहा कि उनकी जान को खतरा है। उन्हें कुछ होता है, तो दूसरे आरोपी जिम्मेदार होंगे। उन्होने मांग भी रखी कि जोगी व रमन को भी वाइस सैपल देना चाहिए। पवार ने कहा कि वे खुद की इच्छा से जांच में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाकी आरोपियों को भी वाइस सेंपल देना चाहिए। एसआईटी के अफसर अभिषेक माहेश्वरी और टीआई सुशांतो बैनर्जी की मौजूदगी में अपना वाइस सेंपल दिया।
बताया गया कि मंतूराम की आवाज का सैंपल लेकर लैब में भेजा जाएगा। यहां टेपकांड की रिकॉर्डिंग से मिलान होगा। इस संबंध में एसआईटी ने पूर्व विधायक मंतूराम को नोटिस जारी किया था। हालांकि मंतूराम ने पहले मना किया था, बाद में वे सैंपल के लिए तैयार हो गए। उन्होंने अंतागढ़ में नाम वापसी के लिए सौदेबाजी के मामले में धारा-164 के तहत अपना बयान दर्ज करा चुके हैं। पुलिस के अनुसार उनके पास टेपकांड की सौदेबाजी का आॅडियो है। उससे आरोपियों के आवाज का मिलान करना है। हालांकि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी और पूर्व सीएम के डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता पहले ही वॉयस सैंपल देने से मना कर चुके हैं।
पवार ने कहा कि अंतागढ़ प्रकरण में मुझ पर बहुत सारे आरोप लगे हैं। इस प्रकरण में जिस-जिस के नाम है, चाहे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता हों या पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी। सारे लोगों को इसका निराकरण करने के लिए एसआईटी के सामने आकर सहयोग करना चाहिए।
मंतूराम पवार ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और अजीत जोगी पर भी निशाना साधा और कहा कि इन लोगों ने मंतूराम पवार को नाम वापसी के लिए भी मजबूर किया। भाजपा में चला गया, वहां भी डरा धमकाकर 5 साल तक डॉ. रमन सिंह ने रखा। उन्होंने कहा कि अंतागढ़ प्रकरण में खरीदी-बिक्री में रमन सिंह और अजीत जोगी की अहम भूमिका है। ऐसी स्थिति है तो इन लोग वॉयस सैंपल देने क्यों नहीं आ रहे हैं।