सदन में छलका उद्धव का ‘दर्द’, फडणवीस से कहा- आप अच्छे रहते तो ये सब न होता
नई दिल्ली
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को सदन में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि मैंने देवेंद्र फडणवीस से बहुत सी चीजें सीखी हैं, मैं हमेशा उनका दोस्त रहूंगा. उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में मैंने कभी भी सरकार के साथ विश्वासघात नहीं किया. उद्धव ठाकरे ने सदन में देवेंद्र फडणवीस से कहा कि अगर आप हमारे लिए अच्छे होते तो यह सब नहीं होता. मैं आपको विपक्ष का नेता नहीं बल्कि जिम्मेदार नेता कहूंगा.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, मैं आपको (देवेंद्र फडणवीस) 'विपक्ष का नेता' नहीं कहूंगा लेकिन मैं आपको एक 'जिम्मेदार नेता' कहूंगा. अगर आप हमारे लिए अच्छे होते, तो यह सब (बीजेपी-शिवसेना में फूट) नहीं होता. उद्धव ठाकरे ने कहा, मैंने देवेंद्र फडणवीस से बहुत सी चीजें सीखी हैं और मैं हमेशा उनका दोस्त रहूंगा. मैं अभी भी 'हिंदुत्व' की विचारधारा के साथ हूं और इसे कभी नहीं छोड़ूंगा. पिछले 5 वर्षों में मैंने कभी भी सरकार को धोखा नहीं दिया है.
सदन में उद्धव ठाकरे ने कहा, मैं भाग्यशाली सीएम हूं क्योंकि जिन्होंने मेरा विरोध किया वे अब मेरे साथ हैं और जो मेरे साथ थे वे अब विपक्ष में हैं. मैं यहां अपनी किस्मत और लोगों के आशीर्वाद से हूं. मैंने कभी किसी को नहीं बताया कि मैं यहां आऊंगा लेकिन मैं आ गया.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें देवेंद्र फडणवीस के साथ दोस्ती स्वीकारने में कोई संकोच नहीं है. उद्धव ने कहा, मुझे यह बोलने में तनिक भी संकोच नहीं कि लंबे समय तक हम दोनों अच्छे दोस्त रहे हैं. अगर आप मेरी बात सुने होते तो आज मैं घर पर बैठ टीवी पर ये सब वाकया देख रहा होता.
विपक्ष के नेता चुने गए फडणवीस
इससे पहले बीजेपी के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में निर्विरोध चुना गया. विधानसभा अध्यक्ष नाना एफ. पटोले ने सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी और विपक्ष के विधायकों की ओर से तालियों की गड़गड़ाहट के बीच फडणवीस के नाम की घोषणा की. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, जयंत पाटिल, एकनाथ शिंदे, बालासाहेब थोराट जैसे नेताओं ने फडणवीस को बधाई दी और पद के लिए उनके चुनाव का स्वागत किया.
फडणवीस (49) अक्टूबर 2014 में पहली बार बीजेपी की ओर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद उन्होंने नवंबर 2019 में भी मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और उनके साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.