धनपुरी वार्ड नंबर १५ में पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्म जयंती मनाई गई
जोगी एक्सप्रेस
जमिलुर्रह्मान
धनपुरी एकात्म मानववाद के महान चिंतक, त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मंडल धनपुरी के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं शहडोल भाजपा जिला कार्यसमिति के सदस्य मोहन कश्यप ने पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्म अश्विन मास वि.स. १९७६ में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी २५ सितंबर १९१६ को हुआ था। उनका लालन पालन इनके नाना पं चुन्नीलाल शुक्ल ने किया था।
श्री कश्यप ने कहा पं दीनदयाल उपाध्याय जी उन आदर्श पुरूषों में से एक थे जिन्होंने शुक्र, बृहस्पति, और चाणक्य की भांति आधुनिक राजनीति को शुचि और शुद्धता के धरातल पर खड़ा करने की प्रेरणा दी। वे जन्मत: नहीं,कर्मत: महान थे। श्री कश्यप ने बताया कि साम्यवादी नेता श्री हीरेन मुखर्जी ने उन्हें अजातशत्रु की संज्ञा दी और आचार्य कृपलानी ने उन्हें देवी संपदा की उपमा दी।
श्री पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी मूलतः विचारक थे। वर्षों तक भारतीय जन संघ के महमंत्री और अंत में अध्यक्ष रहने के बावजूद वे दलगत राजनीति और सत्ता राजनीति से ऊपर रहे।
११ फरवरी १९६८ को भारतीय जन संघ के अध्यक्ष पं दीनदयाल जी उपाध्याय जी का मृत शरीर मुगलसराय स्टेशन के यार्ड मे पड़ा पाया गया था श्री कश्यप ने कहा इस षड्यंत्रकारी घटना का रहस्य अभी तक अज्ञात है। भविष्य में इसका रहस्य प्रकट होगा।
इस अवसर पर मुख्य रूप से राकेश सोनी, धर्मेन्द्र केवलानी, धनपुरी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष फरियाद खान, वार्ड अध्यक्ष रवि सिंह कश्यप, रजनीश सोनी, विजय कांत गुप्ता, मोहम्मद इमरान उपस्थित रहे।