प्रज्ञा ठाकुर को भारी पड़ा गोडसे पर बयान, रक्षा मामलों की संसदीय समिति से हटाई गईं
नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Singh Thakur) को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के हत्यारे नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) को देशभक्त बताने का आखिरकार खामियाजा भुगतना पड़ गया. बीजेपी सांसद प्रज्ञा को अब रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) की समिति से हटा दिया गया है.
प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' बताने के संदर्भ में बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा (Jp Nadda) ने कहा कि संसद में कल (बुधवार का) उनका बयान निंदनीय है. बीजेपी कभी भी इस तरह के बयान या विचारधारा का समर्थन नहीं करती.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मामले की संसदीय समिति से हटा दिया गया है और इस सत्र में उन्हें संसदीय पार्टी की बैठकों में भाग लेने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मामलों की संसदीय समिति के लिए नामित किया गया था. इस कमेटी की अगुवाई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) कर रहे हैं.
लोकसभा में भाजपा सदस्य प्रज्ञा ठाकुर ने बुधवार को तब एक टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर दिया जब डीएमके सांसद ए राजा अदालत के समक्ष नाथूराम गोडसे द्वारा दिए गए उस बयान को उद्धृत कर रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा. इस पर प्रज्ञा ने एतराज जताते हुए गोडसे को एक बार फिर देशभक्त बताया.
ठाकुर की टिप्पणी को लेकर विपक्षी सदस्यों द्वारा विरोध जताए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि एसपीजी (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान सिर्फ डीएमके नेता का बयान ही रिकॉर्ड में जाएगा. लोकसभा सचिवालय ने बाद में एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि ठाकुर की टिप्पणी 'दर्ज नहीं की गई है.' राजा ने कहा कि गोडसे ने स्वीकार किया था कि गांधी की हत्या का फैसला करने से पहले 32 सालों तक उसके मन में गांधी के प्रति द्वेष पनप रहा था.
राजा ने कहा कि गोडसे ने गांधी को मारा, क्योंकि वह एक खास विचारधारा में विश्वास रखता था. विपक्षी सदस्य जहां ठाकुर द्वारा टोकाटाकी के खिलाफ विरोध जता रहे थे वहीं भाजपा सदस्यों ने उनसे बैठ जाने का अनुरोध किया. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सिर्फ ए राजा का बयान रिकॉर्ड में रखा जाएगा.
बाद में विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के गौरव गोगोई ने भी ठाकुर की टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जताते हुए मांग की कि उन्हें इसके लिये माफी मांगनी चाहिए. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी ठाकुर ने गोडसे को देशभक्त करार दिया था, जिसकी वजह से बड़ा राजनीतिक विवाद मचा था. बाद में उन्होंने अपने बयान के लिये माफी मांग ली थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालांकि तब कहा था, 'गांधीजी या नाथूराम गोडसे के बारे में टिप्पणी बेहद खराब और समाज के लिये बेहद गलत थी… उन्होंने माफी मांग ली है, लेकिन मैं उन्हें कभी भी मन से माफ नहीं कर पाउंगा.' विवादित नेता ने एक रोडशो में शामिल होने के दौरान कहा था, 'नाथूराम गोडसे एक देशभक्त थे, हैं और एक देशभक्त रहेंगे. जो लोग उन्हें आतंकवादी कहते हैं उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. उन्हें इन चुनावों में उचित जवाब दिया जाएगा.'
इसबीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कहा कि ठाकुर ने पार्टी को बताया कि उन्होंने नाथूराम गोडसे का समर्थन नहीं किया, बल्कि वह क्रांतिकारी उधम सिंह के बारे में बोल रही थीं.