मुख्यमंत्री मदद योजना में बर्तन खरीदी को लेकर सरकार का फरमान जारी
भोपाल
मुख्यमंत्री मदद योजना में आरक्षित वर्ग के परिवारों के लिए शुरू की गई योजना में अब पंचायतों को राज्य सरकार द्वारा तय फर्मों से ही बर्तनों की खरीदी करना पड़ेगा। इनसे भिन्न किसी फर्म, वेंडर या दुकान से बर्तनों की खरीदी की गई तो इसका खर्च अब पंचायतों को खुद ही वहन करना होगा, राज्य सरकार ऐसी खरीदी का भुगतान नहीं करेगी।
आदिवासी विकास आयुक्त कार्यालय ने अलीराजपुर, अनूपपुर, बालाघाट, बैतूल, बड़वानी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, धार, डिंडौरी, होशंगाबाद, झाबुआ, खंडवा, मंडला, खरगोन, रतलाम, सिवनी, शहडोल, श्योपुर, सीधी और उमरिया जिलों के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को पत्र लिखकर इस संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किए है। आयुक्त आदिवासी विकास ने आदिवासी परिवारों के जन्म और मृत्यु के दौरान आयोजित कार्यक्रमों में भोजन पकाने और परोसने के लिए उन परिवारों को बर्तन उपलब्ध कराने मुख्यमंत्री मदद योजना के तहत सभी पंचायतोें को बर्तन खरीदी के लिए राशि जारी की है। देखने में यह आ रहा था कि पंचायतें अपनी मनमानी दुकान से चहेते विक्रेताओं को उपकृत करते हुए बर्तनों की खरीदी कर रही थी। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने बर्तन खरीदी के लिए फर्मो को इंपेनल किया है। अब जिला स्तर से निविदा के आधार पर ग्राम पंचायते इन्हीं फर्मों से खरीदी कर सकें गी। जिले के अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होगी कि तय दुकानों से ही बर्तन खरीदी की जाए। यदि किसी जिले के ग्राम पंचायतें इंपेनल्ड फर्म से बाहर की फर्म से बर्तन खरीदी करती है तो इन बर्तनों की खरीदी राशि का भुगतान मुख्यमंत्री मदद योजना के अंतर्गत देय राशि से नहीं किया जाएगा बल्कि ग्राम पंचायतों को अपनी स्वयं की निधि से ही इसका भुगतान करना होगा।