November 24, 2024

 उत्तराखंड रोडवेज की दो बसों का दिल्ली में कटा दो लाख का चालान

0

 देहरादून 
बिना प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र के दिल्ली भेजी उत्तराखंड रोडवेज की दो बसों का दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने एक-एक लाख रुपये का चालान कर दिया। साथ ही बसें सीज कर दी गईं। कमेटी का कहना है कि रोडवेज जब चालान की रकम चुकाएगा तभी बसें छोड़ी जाएंगी। रुद्रपुर डिपो की बस (यूके 07पीए 1488) दिल्ली गई थी। सोमवार दोपहर दो बजे ड्राइवर बस लेकर रुद्रपुर लौट रहा था। आनंद विहार बस अड्डे के बाहर एनजीटी की ओर से बनाई गई, दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी की टीम ने बस को रोककर कागजात चेक किए। टीम ने जब प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र मांगा तो ड्राइवर और कंडक्टर नहीं दिखा पाए। इस पर कमेटी ने बस का एक लाख रुपये का चालान कर बस को सीज कर दिया। बस की सवारियों को दूसरी बस से गंतव्य को भेजा गया। 

ऋषिकेश डिपो की बस का भी चालान
इससे पहले बीती 23 नवंबर को ऋषिकेश डिपो की बस (यूके 07 पीए 1952) का भी एक लाख का चालान किया गया। यह बस ऋषिकेश से दिल्ली गई थी। वापसी के समय दिलशाद गार्डन के पास दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी की टीम ने प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र नहीं होने पर एक लाख रुपये का चालान कर बस को सीज कर दिया।  

कर्मचारी बोले, रोडवेज की कमर टूट जाएगी
बसों के चालान होने के बाद सोशल साइट पर कर्मचारी रोडवेज प्रबंधन की खिंचाई कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि रोडवेज पहले ही घाटे में चल रहा है। अब एक-एक लाख रुपये के चालान होने से रोडवेज की आर्थिक हालत और खराब हो जाएगी। कर्मचारी इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

रोडवेज क्यों नहीं बनवा रहा प्रमाणपत्र
सवाल यह भी उठ रहा है कि निजी समेत सभी वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिए गए हैं, तो रोडवेज अपनी बसों की जांच करवाकर मान्य प्रमाणपत्र क्यों नहीं बना रहा है। रोडवेज के महाप्रबंधक, संचालन दीपक जैन कह रहे हैं कि, बसों में प्रमाण पत्र था, लेकिन कमेटी ने इन्हें स्वीकार नहीं किया। सवाल उठता है कि जब निजी वाहनों में यह प्रमाणपत्र देशभर में मान्य हैं तो रोडवेज की बसों में क्यों नहीं? 

परिवहन विभाग पर भी प्रश्न
निजी वाहनों में प्रदूषण जांच पत्र नहीं होने पर सख्ती करने वाले परिवहन विभाग की कार्यशैली भी इस मामले से सवालों के घेरे में आ गई है। सवाल उठ रहा है कि, जब निजी वाहनों में प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र नहीं होने पर चालान की कार्रवाई की जा रही है तो परिवहन अफसरों ने रोडवेज की बसों से नजर क्यों फेर रखी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *