फिर रेत खदानों की नीलामी की तारीख बढ़ाने का दबाव बना रहे ठेकेदार
भोपाल
रेत खदानों को लेकर सरकार पर तमाम आरोप लग रहे हैं। रेत खदानों की नीलामी की तारीख बढ़ाने को लेकर ठेकेदारा फिर दबाव बना रहे है। हालंाकि नीलामी की आखिरी तिथि 26 नवंबर को समाप्त हो रही है। इससे पहले सरकार ठेकेदारों की मांग पर नीलामी की तिथि 8 नवंबर से बढ़ाकर 26 नवंबर चुकी है।
प्रदेश में 43 समूह बनाकर रेत खदानों की नीलामी की जा रही है, जिनका आरक्षित मूल्य 495 करोड़ रुपए तय किया गया है और शासन को 600 करोड़ रुपए तक का राजस्व मिलने की उम्मीद है। पहली बार कमलनाथ सरकार ने खनिज पदार्थों के लिए अलग से पॉलिसी बनाई है, जिसमें मुख्य रूप से रेत खदानों की नीलामी की जा रही है। दरअसल सालों से रेत खदानों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं होती रहीं और अवैध खनन-परिवहन का सिलसिला भी जारी रहा। पूर्व शिवराज सरकार तमाम दावों के बावजूद रेत माफियाओं से निपट नहीं सकी। दरअसल इस कार्य में अधिकांश राजनीतिक, रसूखदार और अफसरों के चहेते ठेकेदार लिप्त रहे हैं, जिसके चलते खनिज माफियाओं पर कभी भी प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। हल्ला मचने पर कुछ गाडिय़ां पकड़ ली जाती हैं और पेनल्टी भी ठोंकी गई।
यह पहला मौका है जब मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम ने रेत नियम 2019 बनाए और उसके तहत रेत खदानों की ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई। पिछले दिनों ठेकेदार फर्मों-कम्पनियों ने कुछ बिन्दुओं को लेकर आपत्ति ली और अपनी आशंकाएं भी जाहिर की, जिसके चलते विभागीय मंत्री और प्रमुख सचिव ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से इन आशंकाओं को दूर किया और कुछ जो तकनीकी दिक्कतें ई-टेंडर में आ रही थीं उन्हें भी दूर किया गया। वहीं अधिकांश ठेकेदारों-कम्पनियों ने यह भी अनुरोध किया कि हफ्ते-10 दिन का समय तो दीपावली जैसे बड़े त्योहार में ही निकल जाएगा, जिसके चलते टेंडर की तैयारियां नहीं हो सकेंगी, लिहाजा इसकी तारीख आगे बढ़ाई जाए। प्रमुख सचिव राज्य खनिज निगम नीरज मंडलोई ने तारीख आगे बढ़ाए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए जो सुझाव प्राप्त हुए थे उनमें दीपावली के त्योहार को देखते हुए रेत खनिज की निविदाएं प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 26 नवम्बर की गई है। इसी क्रम में संशोधित निविदा कार्यक्रम भी निगम और संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म की वेबसाइट पर प्रदर्शित कर दिया गया है। राज्य खनिज निगम द्वारा जारी निविदा प्रपत्र में सफल निविदाकार को वार्षिक ठेका धन की 50 प्रतिशत राशि तीन दिन में जमा करने का प्रावधान है। वहीं निविदाकारों के अनुरोध पर यह अवधि भी बढ़ाकर 15 दिन कर दी गई है।