लंबे समय से बीमार चल रहे पूर्व सीएम कैलाश जोशी का निधन
भोपाल
प्रदेश के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री कैलाश जोशी का आज राजधानी के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। 90 साल से अधिक उम्र के पूर्व सीएम जोशी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की सूचना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया। शिवराज अस्पताल पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मूलत: एक कपड़ा व्यापारी के परिवार से ताल्लुक रखने वाले कैलाश चंद्र जोशी देवास से थे। जोशी जनसंघ बनने के बाद से ही इसके साथ जुड़े हुए थे। वे 1955 में पहली बार नगर पंचायत हाट पिपल्या अध्यक्ष बने थे। इसके बाद उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ और जब पहली बार देवास जिले का बागली विधानसभा सीट घोषित हुआ तो 1962 से लगातार आठ बार वे बागली विधानसभा से विधायक बने।
19 महीने तक मीसा के तहत जेल में बंद रहने के बाद जब वो बाहर आए तो बागली ने उन्हें फिर जिताया था। व्यवहार में कड़क जोशी के विरोधी भी कहते कि सीधे और सच्चे हैं।
24 जून, 1977 को कैलाश जोशी मध्यप्रदेश के इतिहास में पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने। वे 17 जनवरी 1978 तक मुख्यमंत्री रहे। मुख्यमंत्री बनने के बाद पहले तो धड़ाधड़ अध्यादेश लाकर कानून बनाने के लिए खबरों में आए। बाद में बीमार होने को लेकर भी चर्चा में रहे। जनसंघ के नेता के तौर पर जब उन्हें सीएम चुना गया तो सीएम पद के तीन दावेदार कैलाश जोशी, सुंदरलाल पटवा, वीरेंद्र कुमार सखलेचा थे और अंत में जोशी को ही जिम्मेदारी सौंपी गई। समाजवादियों की पसंद के चलते वे सीएम बनने में सफल रहे थे। जोशी 1972 से 1977 तक नेता प्रतिपक्ष रहे थे। वे पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा के शासन में बिजली और उद्योग मंत्री भी रहे हैं।
जोशी ने बीजेपी प्रदेश संगठन की भी जिम्मेदारी निभाई थी। वर्ष 2002 में जब उमा भारती ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनने से इन्कार कर दिया, जब कैलाश जोशी को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। उस समय विक्रम वर्मा को दिल्ली बुलाने से यह पद रिक्त हुआ था।
वर्ष 1998 में कैलाश जोशी राजगढ़ से सांसद का चुनाव 56 हजार मतों से लक्ष्मण सिंह से हारे थे। इसके बाद उनके कद को देखते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने राज्यसभा भेजा। इसके बाद वर्ष 2004 और 2009 में कैलाश जोशी ने भोपाल से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की
कैलाश जोशी में इतनी सादगी थी कि उनके पास एक कार तक नहीं थी। 17 मई 1981 को जोशी लगातार पांचवी बार बागली से विधायक बने। कार्यकतार्ओं ने जोशी का सम्मान कार्यक्रम रखा। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और राजमाता विजया राजे सिंधिया को दावत दी गई। प्रदेश की राजनीति में संत कहलाने वाले जोशी का मंच पर सम्मान हुआ और कार्यकतार्ओं ने चंदे से पैसा जुटाकर खरीदी गई एम्बेसडर कार की चाबी जोशी को सौंपी। ये जोशी की पहली गाड़ी थी। बाद में जोशी की लिखी किताब का विमोचन अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था।