सामना से शिवसेना का अजित पवार पर प्रहार- 12 घंटे में बज गए 12
नई दिल्ली
महाराष्ट्र में शनिवार को हुए राजनीतिक उलटफेर पर शिवसेना ने तंज कसा है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना तो ली लेकिन अब सरकार गठन के लिए विधायकों का समर्थन हासिल करना बड़ा सवाल बना हुआ है. शरद पवार की सक्रियता के बाद विधायक उन्हीं के पक्ष में जाते दिख रहे हैं. अजित पवार के इस फैसले पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि यह बेशर्मी की राजनीति है. शरद पवार के साथ धोखा हुआ है. 12 घंटों के ही भीतर अजित पवार के 12 बज गए हैं. इस फर्जिकल स्ट्राइक की सुधि महाराष्ट्र लेगी. बीजेपी की जीत नहीं होगी.
क्या कहा गया सामना में?
सामना में कहा गया है, सीएम पद की शपथ दिलाने का षडयंत्र रचा गया. यह एक तरह से जनता से छल और लोकतंत्र की हत्या है. नाराज लोगों ने भाजपा के इस कृत्य का निषेध करना शुरू कर दिया है. शाम होते-होते जुगाड़ की इस सरकार को जोरदार झटका लगा जब शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने जबरदस्त एकजुटता दिखाते हुए अपने-अपने विधायकों को तोड़फोड़ से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम कर लिए. इस कड़ी में देर शाम तक राकांपा के 54 में से 40 विधायक शरद पवार के साथ मजबूती के साथ खड़े नजर आए, जिससे यह साफ हो गया कि बेचारे अजित दादा पवार मात्र 3 विधायकों के साथ बुरी तरह फंस गए हैं, जिससे उबर पाना उनके लिए नामुमकिन है.
उधर एनसीपी की शनिवार शाम को हुई बैठक में अजित पवार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी ने उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया. एनसीपी ने उनके स्थान पर प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील को विधायक दल का नया नेता चुना है. बैठक में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और वरिष्ठ नेताओं के साथ ही विधायक शामिल हुए. उन्हें विधायकों को व्हिप जारी करने के साथ ही अन्य अधिकार दिए गए थे, जो तत्काल प्रभाव से वापस ले लिए गए.
अब उनकी जगह पर जयंत पाटील को एनसीपी का नया नेता चुना गया है और उन्हें अन्य निर्णयों के लिए अधिकृत किया गया है. अजित पवार को 30 अक्टूबर को विधानसभा का नेता चुन लिया गया था. महाराष्ट्र चुनाव परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित हुए थे. इससे पहले बीजेपी के साथ सरकार के गठन को लेकर पार्टी प्रमुख शरद पवार ने सुबह कहा था, एनसीपी इसका पूर्ण विरोध करती है. यह पार्टी के खिलाफ उठाया गया कदम है और अजित पवार ने पार्टी अनुशासन की धज्जियां उड़ा दी हैं.