शिवसेना का सीएम और कांग्रेस-एनसीपी से 2 डेप्युटी सीएम का फॉर्म्युला, महाराष्ट्र में सरकार गठन की गुत्थी सुलझी
नई दिल्ली/मुंबई
महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों के ऐलान के करीब एक महीने बाद नई सरकार की तस्वीर अब करीब-करीब साफ हो चुकी है। एनसीपी और कांग्रेस के बीच पिछले 2 दिनों तक चले मंथन के बाद शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने पर सहमति बन चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, सूबे में मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। इसके अलावा 2 डेप्युटी सीएम होंगे जो एनसीपी और कांग्रेस से होंगे। हालांकि, एनसीपी का जोर रोटेशनल सीएम पर है यानी पार्टी शिवसेना के बाद ढाई साल तक अपना मुख्यमंत्री चाहती है। हालांकि, 2 डेप्युटी सीएम की सूरत में शिवसेना का जोर पूरे 5 साल तक के लिए सीएम पद पर होगा। स्पीकर पद कांग्रेस के पास जा सकता है लेकिन एनसीपी की भी इस पद पर नजर है। आज मुंबई में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच इन मुद्दों पर भी सहमति बन सकती है। सबकुछ सही रहा तो सोमवार को महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हो सकता है।
अजीत पवार और थोराट डेप्युटी सीएम?
सूत्रों के मुताबिक अगर एनसीपी ढाई-ढाई साल तक के सीएम फॉर्म्युले पर जोर नहीं देती है तो कांग्रेस के साथ-साथ उसे भी डेप्युटी सीएम का पद मिल सकता है। इस तरह 2 डेप्युटी सीएम पर सहमति बन सकती है। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पार्टी की तरफ से डेप्युटी सीएम के लिए अपने भतीजे अजीत पवार का नाम आगे बढ़ा सकते हैं। अजीत पहले भी एनसीपी-कांग्रेस की सरकार के दौरान 2009 से 2014 तक डेप्युटी सीएम रहे थे। वैसे, शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को अपने पिता की राजनीतिक विरासत का वारिस माना जाता है। इस लिहाज से वह भी डेप्युटी सीएम की रेस में शामिल हैं। कांग्रेस की तरफ से महाराष्ट्र यूनिट के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट डेप्युटी सीएम पद के लिए दावेदार बनकर उभर रहे हैं।
यह है पावर-शेयरिंग फॉर्म्युला
सीएम पोस्ट के लिए शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे का नाम आगे आया है। कांग्रेस और एनसीपी भी चाहते हैं कि उद्धव खुद ही यह जिम्मेदारी संभाले। वहीं डेप्युटी सीएम पद के लिए एनसीपी की ओर से अजीत पवार और कांग्रेस की ओर से बालासाहेब थोराट का नाम आगे चल रहा है। मंत्रिपरिषद में 16-15-12 का फॉर्म्युला सामने आ रहा है यानी शिवसेना के 16 मंत्री हो सकते हैं। एनसीपी के 15 और कांग्रेस के खाते में 12 मंत्री पद आ सकते हैं।
ढाई-ढाई साल के सीएम के पक्ष में एनसीपी
एनसीपी ढाई-ढाई साल के सीएम के पक्ष में है यानी शुरुआती ढाई साल तक शिवसेना का सीएम हो और आखिरी ढाई साल तक के लिए एनसीपी का सीएम हो। एनसीपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां चाहती हैं कि सीएम पद खुद उद्धव ठाकरे संभाले। वैसे बीजेपी के साथ सीएम पोस्ट पर रस्साकशी के दौरान शिवसेना उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे के नाम को इस टॉप पोस्ट के लिए आगे कर रही थी। 2 डेप्युटी सीएम पर अगर सहमति बनती है तो शायद ही शिवसेना सीएम पोस्ट को शेयर करने के लिए राजी हो। ऐसी सूरत में एनसीपी और कांग्रेस अहम मंत्रालयों को अपने पास चाहेंगी। सरकार गठन को लेकर चल रही चर्चाओं से वाकिफ कुछ नेताओं ने बताया कि गृह, वित्त या राजस्व मंत्रालय गैर-शिवसेना पार्टियों यानी एनसीपी और कांग्रेस को मिले, इसकी चर्चा है। अतीत में कांग्रेस-एनसीपी और बीजेपी-शिवसेना दोनों ही गठबंधन सरकारों के दौरान डेप्युटी सीएम के पास ही गृह मंत्रालय रहा था।